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रांची/डेस्क: झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत के बाद रविवार को इंडिया गठबंधन के घटक दलों झामुमो, कांग्रेस, और राजद के विधायकों की अलग-अलग बैठकें हुईं. इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पर संयुक्त बैठक हुई, जिसमें हेमंत सोरेन को इंडिया गठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया. साथ ही मंत्रिमंडल के गठन को लेकर भी बड़े फैसले लिए गए. झामुमो के हिस्से में मुख्यमंत्री समेत छह मंत्री, कांग्रेस के चार मंत्री और राजद के एक मंत्री हो सकते हैं. माले की ओर से मंत्री पद की मांग पर गठबंधन सकारात्मक रुख अपना सकता है और उन्हें एक पद दिया जा सकता है.
पांच नए चेहरे होंगे शामिल
हेमंत सोरेन की नई सरकार में पांच नए चेहरे शामिल होंगे. यदि पुराने मंत्रियों को फिर से मौका मिला तो कुल छह मंत्री बन सकते हैं. झामुमो कोटे से दीपक बिरुवा, हफीजुल हसन, और रामदास सोरेन का फिर से मंत्री बनना संभव है. महिला कोटे से लुईस मरांडी या सविता महतो में से एक मंत्री बन सकती हैं.
इनका नाम रेस में आगे
रेस में जिनका नाम है, उनमें पिछली सरकार में मिथिलेश ठाकुर पलामू प्रमंडल से विधायक चुने गए थे. इस बार प्रमंडल से अनंत प्रताप देव के मंत्री बनने की संभावना है. इसके अलावा रवींद्रनाथ महतो, मथुरा महतो, उमाकांत रजक, और भूषण तिर्की भी मंत्री बनने की दौड़ में हैं. राजद से सुरेश पासवान, संजय प्रसाद यादव, और संजय कुमार सिंह यादव में से कोई एक मंत्री बन सकते हैं. राजद ने सुरेश पासवान को विधायक दल का नेता बनाया है, जिससे उनकी मंत्री बनने की संभावना अधिक जताई जा रही है. माले की तरफ से अरूप चटर्जी को मंत्री पद मिलने पर वे मंत्री बन सकते हैं.
जातीय समीकरण पर विशेष ध्यान
कांग्रेस मंत्रिमंडल में इस बार प्रमंडल और जातीय समीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है. पिछली सरकार में तीन बार मंत्रिमंडल में बदलाव हुआ, लेकिन उत्तरी छोटानागपुर से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया. इस बार पार्टी इस क्षेत्र को संतुष्ट करने की योजना बना रही है. कांग्रेस से इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह, और प्रदीप यादव एक ही प्रमंडल से चुने गए हैं, इसलिए इनमें से अधिकतम दो ही मंत्री बन सकते हैं. यदि दीपिका पांडेय सिंह को मंत्री नहीं बनाया जाता, तो उत्तरी छोटानागपुर से ममता देवी या जयमंगल सिंह को मंत्री बनने का अवसर मिल सकता है.