न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- डोनाल्ड ट्रप की ग्रीनलैंड को अपने अमेरिका में मिलाने की बात शुरु कर दी है. इसको लेकर उन्होने अगला तदम बढाते हुए उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और एक अमेरितकी प्रतिनिधिमंडल को ग्रीनलैंड भेजने का फैसला किया है. इस फैसले को लेकर ग्रानलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने विरोध प्रदर्शन भी किया है. सोमवार को उसने अमेरिका के उपर ग्रानलैंड के अपने राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है.
अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल के दौरे पर ग्रीनलैंड के पीएम मे कहा कि हमारी अखंडता और लोकतंत्र का सम्मान बिना विदेशी हस्तक्षेप के किया जाना चाहिए. इसको सिर्फ एक नीजि दौरे के रुप में नहीं देखा जा सकता. बता दें कि जनवरी में ट्रंप के बेटे डोनाल्ड जुनियर ने भी ग्रीनलैंड के दौरे में थे.
जब से अमेरिकी राष्ट्रपति सत्ता में आए हैं तब से वे ग्रीनलैंड को अपने क्षेत्र में मिलाने पर जोर दो रहे हैं. उन्होने ग्रीनलैंड को अमेरिका मे मिलाने के लिए बल प्रयोग करने की भी बात कही.
ग्रीन लैंड के पीएम ने साफ कह दिया है कि जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता तबतक इस विषय पर किसी तरह की कोई बातचीत नहीं होगी.
चुनाव से पहले नीलसन ने कहा था कि ग्रीनलैंड कोई बिकाउ जगह नही है. उसने साफ कहा है कि हम अमेरिकन नहीं बनना चाहते और न ही हम डेनमार्क का हिस्सा बनना चाहते हैं. हम ग्रीनलैंड के नागरिक हैं और ग्रीनलैंड के नागरिक बने रहना चाहते हैं.
बता दें कि कभी डेनमार्क का उपनिवेश रहा था ग्रीनलैंड और 1953 में एक अलग क्षेत्र के रुप में सामने आया था. लेकिन डेनमार्क ग्रीनलैंड के विदेशी मामलों, रक्षा व मौद्रिक मामलों को नियंत्रित करता है. डेनमार्क ग्रीन लैंड के अर्थव्यवस्था में भी असर डालता है. हर साल एक अरब डॉलर ग्रीनलैंड को देता है.