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चाईबासा/डेस्क: पश्चिमी सिंहभूम जिले के सदर प्रखंड डिलियामिर्चा पंचायत के आचू गांव में एक अनोखा परंपरा दर्शाया गया है यह बात आपको जानकर आपको हैरान कर देगी ,परंतु यह बात सच है आचू गांव में 1 साल 4 महीने पूर्व एक लड़के बच्चे ने जन्म लिया था. जिसका नाम यश बानरा है. चिमीसाई ग्रामीण मोहन कुदादा ने बताया कि बच्चे के जन्म के समय ऊपरी हिस्सा में दांत निकलने से जिसे हम चोर दांत कहाते हैं और अशुभ मानते हैं जीवन में दुख तकलीफ ना हो और ग्रह गोचर खत्म करने के लिए हमारे हो जनजातीय समाज में डेढ़ साल से छोटे बच्चे की वैवाहिक परंपरा बरसों से चली आ रही है.
चिमीसाई से आचू गांव 10 किलोमीटर दूर से पहुंची बारातियों का स्वागत पैर धोलाकर घर में प्रवेश कराया गया, नाच-गाना के साथ पहुंचे बारातियों की भोजन की व्यवस्था थी.मानते हैं उज्जवल भविष्य तथा ग्रह गोचर को समाप्त करने के लिए बच्चे की शादी पूरे रीति रिवाज के साथ कराई जाती है दूल्हा किसी कुत्ता को बनाया जाता है,यदि कुत्ते ना मिले तो सुनी पेड़ से दुल्हन का विवाह संपन्न कराया जाता है.
बरसों से चली आ रही है शादी समारोह पूरे हो जनजातीय रीति रिवाज के अनुसार किया जाता है बारात बुलाई जाती है और दबा-दुबुगं, नाच गाना, गाजे बाजे का आयोजन होता है और बारातियों का स्वागत पैर धुलाकर उसे अपने घर में प्रवेश कराई जाती है तब पश्चात वर- वधु पक्ष मिलकर शादी रीति रिवाज के साथ संपन्न करते हैं। इस अवसर पर बारातियों को भोजन कराई भी जाती हैं.