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चाईबासा/डेस्क: रविवार को पुलहातु समुदाय भवन में एक बैठक की गई. सर्वसम्मति से बैठक की अध्यक्षता आदिवासी उरांव समाज संघ के अध्यक्ष संचू तिर्की ने की. बैठक का मुख्य विषय उरांव समुदाय के महान पारंपरिक त्योहार खद्दी फग्गू पर चर्चा करना रहा. खद्दी फग्गू के विषय पर बोलते हुए अध्यक्ष संचू तिर्की ने कहा कि यह हमारा महान पारंपरिक प्राकृतिक त्यौहार है, जिसमें हम साल वृक्ष में आए नए फल, फूल पत्तियों को प्रसाद स्वरूप अपने ईष्ट देवी-देवताओं को अर्पण कर उनका आशीष प्राप्त करते हैं. सचिव अनिल लकड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि यह हमारा पारंपरिक खद्दी फग्गू त्योहार पूरी तरह प्राकृतिक पर आधारित है. प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा के प्रथम चैत्र में सार्वजनिक होली का त्योहार मनाया जाता है. ठीक उसी के दूसरे दिन अर्थात चैत्र माह के द्वितीय में हमारा पारंपरिक त्योहार खद्दी फागुन मनाया जाता है. तदनुसार इस वर्ष खद्दी फग्गू का यह महान त्योहार दिनांक -15 मार्च 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा. चूंकि 13 मार्च 2025 को पूर्णिमा (होलिका दहन है) सभी सातों बस्तियों में त्यौहार को भली-भांति पूरे नेग-नियम से मनाने की अपील की गई, तथा इसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाने हेतु आह्वान किया गया.

इस अवसर पर मुख्य रूप से सहदेव किस्पोट्टा, बाबूलाल बरहा, लालू कुजूर, लक्ष्मण बरहा, दुर्गा खलखो, कृष्णा टोप्पो, राजकमल लकड़ा, गणेश कच्छप, मंगल खलखो, सुमित बरहा, विक्रम खलखो, इशू टोप्पो, रोहित खलखो, पंकज खलखो, चंदन कच्छप, बिष्णु मिंज, रोहित लकड़ा, किशन बरहा, मोहन बरहा आदि उपस्थित थे.