न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां इटवा तहसील क्षेत्र स्थित श्याम राजी हाई स्कूल के प्रबंधक ने फीस न जमा करने वाले छात्रों के साथ बदसलूकी की. प्रबंधक ने मासूम बच्चों को स्कूल से बाहर निकालकर कड़ी धूप में बैठा दिया और इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही हैं.
मामला क्या है?
यह घटना श्याम राजी हाई स्कूल की है, जहां स्कूल के प्रबंधक शैलेंद्र कुमार ने उन छात्रों को स्कूल से बाहर निकाल दिया जिनकी फीस जमा नहीं हुई थी. प्रबंधक ने न सिर्फ बच्चों को अपमानित किया बल्कि धूप में बैठाकर उनका वीडियो भी बनाया. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि छात्र-छात्राएं अपना चेहरा नीचे किए बैठे है जबकि प्रबंधक उन्हें फीस न जमा करने पर फटकार लगा रहा हैं.
क्या कहा वीडियो में?
प्रबंधक ने वीडियो में कहा, "आपके अभिभावकों को पहले ही सूचित किया गया था कि जब तक फीस जमा नहीं होगी, बच्चों को स्कूल न भेजें लेकिन आपने मेरी बात नहीं मानी और मुझे परेशान किया. इसलिए जिन बच्चों की फीस नहीं भरी गई है, उन्हें बाहर बैठा रहा हूं."
वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. लोग इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ आवाज उठाने लगे और स्कूल प्रबंधक पर सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे. बच्चों के माता-पिता और स्थानीय लोगों ने इस घटना की निंदा की और इसे शिक्षा के मूल्यों के खिलाफ बताया.
प्रबंधक ने अपनी सफाई दी
प्रबंधक शैलेंद्र कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि उन्हें भी अपनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं. उन्होंने कहा "मेरे ऊपर बैंक का कर्ज है और अभिभावक फीस जमा नहीं कर रहे हैं. ऐसे में स्कूल चलाना मुश्किल हो गया हैं. मैंने नियम बनाया है कि फीस देरी से जमा करने पर हर दिन 5 रुपये का जुर्माना लगेगा."
जांच के आदेश जारी
इस पूरे मामले पर जिला विद्यालय निरीक्षक सोमारु प्रधान ने बताया है कि "प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा है कि स्कूल की फीस न जमा करने पर छात्रों को बाहर बैठाया गया हैं. प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि श्याम राजी हाई स्कूल हमारे यहां से मान्यता प्राप्त नहीं हैं. इस घटना की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी."
समाज में भारी नाराजगी
इस घटना के बाद से समाज में बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर गहरी नाराजगी हैं. बच्चों के साथ किए गए इस अमानवीय व्यवहार को लेकर लोग स्कूल प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं. यह घटना एक गंभीर मुद्दा उठाती है कि कैसे शिक्षा को व्यावसायिकता और वित्तीय दबावों के चलते मानवता और मूल्यों से परे ले जाया जा रहा हैं.
सरकार और प्रशासन से अपील
स्थानीय लोगों और बच्चों के अभिभावकों ने प्रशासन और शिक्षा विभाग से इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की हैं. उन्होंने यह भी अपील की है कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ सख्त नियम बनाए जाएं जो छात्रों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करते है और शिक्षा के पवित्र कार्य को व्यवसायिक दृष्टिकोण से देखते हैं.