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रांची/डेस्क: दुनियाभर में शराब पीने के शौकीनों की कोई कमी नहीं है. रोजाना करोड़ों लोग शराब पीते है. शराब पीने वाले लोग बीएस मौका खोजते है चाहे खुशी का माहौल हो या गम का इन्हें केवल जाम छलकाने से मतलब होता है. शराब पीने वाले लोगों के बीच आपने अक्सर यह बात को लेकर बहस होते हुए सुना होगा कि शराब की क्वालिटी अच्छी नहीं है आर्मी कैंटीन में अच्छी क्वालिटी की शराब मिलती है आदि. कभी-कभी तो यह बहस इथी बढ़ जाती है कि महफ़िल में लोगों के बीच झगडा तक हो जाता है. अगर आप भी शराब पीने के शौक़ीन है तो कभी न कभी आपके मन में भी यह सवाल जरूर आया ही होगा. ये नहीं तो आपके मन में यह सवाल तो उठा ही होगा कि आम दुकानों में मिलने वाली शराब और आर्मी कैंटीन में मिलने वाली शराब की कीमत में इतना अंतर क्यों होता है. आइए आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते है.
बता दें कि आम दुकानों से ली गई शराब में और आर्मी कैंटीन से ली गई शराब में बहुत अंतर देखने को मिलता है. कई लोगों का ऐसा कहना है कि आर्मी कैंटीन और आम दुकानों में मिलने वाले शराब के बीच क्वालिटी का अंतर होता है. लोगों का ऐसा कहना है कि आर्मी कैंटीन में मिलने वाली शराब आम दुकानों से ज्यादा अच्छी होती है या कहे उसकी क्वालिटी ज्यादा अच्छी होती है. लेकिन आपको बता दें कि शराब बनाते समय यह नहीं देखा जाता है कि वह किसके लिया बनाई जा रही है. शराब बन जाने के बाद इसे कई सेक्टर में भेजा जाता है. इसमें आर्मी सेक्टर भी शामिल है. आम आदमी हो या आर्मी सबके लिए एक ही क्वालिटी की शराब बनाई जाती है. हालांकि आर्मी कैंटीन में मिलने वाली शराब और आम दुकानों में मिलने वाली शराब में जमीन आसमान का अंतर है. ऐसा इसलिए क्योंकि आर्मी कैंटीन में मिलने वाले सामान पर लगने वाले टैक्स का 50 प्रतिशत सब्सिडी आर्मी देती है. इसी कारण से दोनों के कीमत में इतना फर्क होता है.