न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- फिलहाल LGBTQ वर्ग के तरफ से इस महिने प्राईड मंथ सेलिब्रेट की जा रही है. इस दोरान एक शब्द कापी चर्चा में है लैवेंडर मैरेज. लैवेंडर मैरेज मुख्य रुप से हेट्रोसेक्सुअल औऱ होमोसेक्सुअल के बीच होने वाली शादी को बोला जाता है. असल में इस तरह की शादी सामाजिक उत्पीड़न व कानूनी अड़चन से बचने के लिए किया जाता है. वैसे लोग जो सैक्सुअल इंट्रेस्ट के हिसाब से शादी नहीं कर पाते हैं. इस तरह की शादी में दूसरे लोगों से सैक्सुअल इंट्रेस्ट के सच को छुपाया जाता है. ये शादी तो आम शादी के जैसा ही होता है पर इसके पीछे कई राज छुपे होते हैं जो बहुत कम ही लोगों को पता होता है. किसी होमोसैक्सुअल जीवन को मैरिड लाईफ में तब्दील करने का तरीका है. इस शादी में सारा रिवाज शादियों जैसा ही होता है पर शादी के बाद ये अपने हिसाब से जीवन व्यतीत करते हैं.
शादी के प्रकार
लैवेंडर शादी के अलावा भी कई तरह के शादी होते हैं जिसके कई अलग अलग नाम है.
चाइल्ड मैरिज- सरकार के द्वारा निर्धारित न्यून्तम उम्र सीमा से कम उम्र में लड़का लड़की शादी करती है तो ये चाइल्ड मैरिज के अंतर्गत आता है.
पॉलीगेमस मैरिज- शादी में जब दो से अधिक लोग होते हैं. तो उसे पॉलीगेमस मैरिज कहा जाता है. एक लड़का एक से ज्यादा लड़कियों से बात करे या एक लड़की एक से ज्यादा लड़कों से बात करे इसे ही पॉलीगेमस मैरिज कहा जाता है.
मोनोगेमस मैरिज- एक लड़का व एक लड़की की शादी होती है तो उसे मोनोगेमस शादी कहा जाता है. एक ही वक्त में एक ही पार्टनर होते हैं.
सेम-सेक्स मैरिज- एक ही लिंग के दो लोग आपस में शादी करते हैं तो इसे ही सेम-सेक्स मैरिज कहते हैं.
कॉमल लॉ मैरिज- कपल जब एक साथ लंबे समय से रहते हों औऱ खुद को मैरेज डिक्लियर कर लेते हैं तो इसे कॉमल लॉ मैरिज की संज्ञा दी जाती है.
ओपन मैरिज- इस शादी में दो लोगों के बीच शादी होती है, लेकिन दोनों पार्टनर एक दूसरे के प्रति स्वतंत्र रहते हैं. तीसरे किसी भी व्यक्ति के साथ उन्हें रहने की इजाजत होती है.