न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: ऐसा कहा जाता है कि रिश्ते जितने पुराने होते है उतने ही गहरे होते है. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर क्यों शराब पुरानी होने के साथ महंगी होती जाती है. क्या आपने कभी इसके पीछे के कारण के बारे में सोचा है. शराब पीने के बहुत से शौक़ीन लोग है. आपने अक्सर शराब के दुकानों के बाहर कई बार लंबी कतार भी देखि होगी. ऐसा कहा जाता है कि शराब का रंग जितना गहरा होता है, उसकी रंगत भी उतनी मदहोशी होती है. देखा जाए तो कुछ भी चीज अगर पुरानी हो जाती है तो लोगों का उसके प्रति लगाव कम हो जाता है. लेकिन शराब के मामले में ऐसा नहीं है. शराब जितनी पुरानी होते जाती है, लोग उसे पीने के लिए उतने ही बेबस होते रहते है. आखिर पुरानी और नई शराब के बीच आखिर क्या अंतर होता है. आइए आपको इस बात की पूरी जानकारी देते है.
पुरानी शराब में ज्यादा नशा
शराब पीने वाले और शराब के जानकार यह बात तो जानते ही होंगे कि शराब जितनी पुरानी होते जाती है, उसमे नशा बढ़ते ही जाता है. शराब जैसे जैसे पुरानी होती है उसका रंग भी गहरा हो जाता है. ठीक इस तरह पुरानी शराब की स्वाद में भी खास तरह की परिपक्वता और गहराई सी आ जाती है. इसे परिपक्व और पुराना बनाने की एक खास तरह की प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया को एजिंग कहते है. ऐसा कहा जाता है की पुरानी दारु की खुमारी धीरे-धीरे चढ़ती है.
पुरानी शराब की क्या है खासियत?
वास्तव में पुरानी दारु का रंग नई दारु के मुकाबले थोड़ा ज्यादा गहरा होता है. रंग से भी ज्यादा पुरानी शराब का स्वाद खास होता है. दारु के लेकर यह कहा जा सकता है कि यह जितनी पुरानी होते जाती है, उतनी ही जवान होते जाती है. इस कारण से दारु के शौक़ीन लोगों के बीच पुरानी शराब को लेकर ज्यादा मांगा है.
पुरानो सहारा की कीमत क्यों होती है ज्यादा?
दारु जितनी पुरानी होती है उसका रंग और नशा उतना ही खास होता है. इस कारण से शराब की कीमतों में भी बहुत अंतर होता है. पुरानी शराब की कीमत नई शराब की मुकाबले थोड़ी ज्यादा इन्हीं खूबियों की वजह से होती है. कीमत की तुलना करने के लिए मान लो कि अगर कोई स्कॉच 50 साल पुरानी है तो वह 10 साल पुरानी स्कॉच से ज्यादा महंगी होगी.
किन शराबों को पड़ती है एजिंग की जरूरत
आपको बता दे कि व्हिस्की और ब्रांडी दो अलग-अलग शराब है. इन दोनों ही शराब को एजिंग की खास जरूरत होती है. इन्हें कम से कम 3 साल की एजिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. टकीला और रम को भी एजिंग प्रक्रिया से गुजरना होता है.