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रांची/डेस्क: अक्सर आपने देखा होगा कि बाइक का रियर टायर (पिछला टायर) काफी चौड़ा और फ्रंट टायर (आगे का टायर) पतला होता है. इसको लेकर कई तरह के सवाल बाइक यूजर्स के मन में उठते होंगे. पर इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया होगा. आज हम आपको अताएंगे कि रियर टायर और फ्रंट टायर के साइज में अंतर क्यों होता है. साथ ही इसके क्या फायदे होते हैं और इससे बाइक कैसे कंट्रोल होता है.
बाइक कंट्रोल
पिछला टायर चौड़ा होने के वजह से अधिक सतह क्षेत्र प्रदान करता है. इससे बाइक को अधिक स्थिरता मिलती है. विशेष रूप से उच्च गति और टर्निंग में बाइक को मोड़ते समय के काफी मददगार होता है. वहीं आगे का टायर पतला होने के वजह से स्टीयरिंग को आसान और तेज बनाता है. साथ ही इससे बाइक की मैनूवरेबिलिटी में भी सुधार होता है और ड्राइवर आसानी से दिशा बदल सकता है.
ग्रिप व ट्रैक्शन
अधिक सतह क्षेत्र का मतलब अधिक ग्रिप और ट्रैक्शन होता है. इससे बाइक में बेहतर पावर ट्रांसमिशन होता है. विशेष रूप से तेज गति और त्वरितीकरण (acceleration) के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है. दूसरी ओर पतला टायर कम रोलिंग रेसिस्टेंस देता है, जिससे स्टीयरिंग अधिक संवेदनशील हो जाती है और टर्निंग में बाइक मोड़ते समय बेहतर नियंत्रण प्राप्त होता है.
राइडर के लिए आराम
गाड़ी चलते वक्त बाइक का वजन अधिकांश पीछे की ओर होता है. चौड़ा टायर इस वजन को सहारा देने का काम करता है और वजन को समान रूप से वितरित करता है. फ्रंट टायर कम वजन सहन करता है और यह वजन वितरण में संतुलन बनाए रखता है.
फ्यूल एफिशिएंसी का परफॉर्मेंस
चौड़ा टायर के वजह से अधिक घर्षण पैदा होता, जिससे थोड़ा अधिक पावर की जरूरत होती है. पर यह बाइक को बेहतर ट्रैक्शन और स्थिरता प्रदान करता है. दूसरी ओर पतला टायर कम घर्षण पैदा करता है, जिससे फ्यूल इफिशिएंसी में सुधार और बाइक की गति बढ़ती है.
ब्रेकिंग व हैंडलिंग
चौड़ा टायर में ब्रेकिंग के दौरान अधिक ग्रिप प्राप्त होता है, जिससे ब्रेक लगाने पर बाइक तुरंत रुक सकती है. वहीं पतला टायर बेहतर हैंडलिंग और टर्निंग में मोड़ने में सहूलियत प्रदान करता है, जिससे बाइक सवार को नियंत्रण करने में आसानी होती है. इन सभी कारणों के वजह से ही बाइक के निर्माण करने वाली कंपनी पिछला टायर चौड़ा और अगला टायर पतला बनाते हैं. ताकि बाइक अधिक स्थिर, सुरक्षित, और कुशल बने.