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रांची/डेस्क: छठ पूजा का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर सप्तमी तक पूरे धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया जाता हैं. इस वर्ष छठ पूजा 5 नवंबर से शुरू होकर 8 नवंबर तक चलेगी. इस पर्व पर सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा-अर्चना और अर्घ्य देने का विधान हैं. खास बात यह है कि इस दौरान महिलाएं कठिन व्रत रखती है और कई पुरुष भी संकटों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए यह व्रत करते हैं.
घर पर छठ पूजा करने का तरीका
यदि इस बार घाट पर जाना संभव नहीं हो पा रहा है, तो घर पर छठ पूजा कर सकते हैं. घर पर पूजा करने के लिए सबसे पहले किसी साफ जगह का चुनाव करे, जैसे कि आंगन, छत, या किसी खुले स्थान पर. इसके बाद पूजा सामग्री एकत्रित करके सूर्यदेव और छठी मैया का ध्यान करें. अर्घ्य देने के लिए छोटे बच्चों के पूल का भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं. पूल में पानी भरकर सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं.
सोसायटी में छठ पूजा कैसे करें
जो लोग सोसायटी में रहते है, वह सोसायटी के स्वीमिंग पूल का उपयोग कर सकते हैं. कई सोसायटी में सामूहिक छठ पूजा का आयोजन भी होता है, जिसमें एक साथ महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देती हैं. यदि सोसायटी में स्वीमिंग पूल न हो तो आप मिट्टी से बना एक छोटा जलाशय बना सकते है, उसमें पानी भरकर पूजा संपन्न कर सकते हैं.
छठ पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और छठ व्रत का संकल्प लें. दिनभर अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए और यदि संभव हो तो निर्जला व्रत रखें. संध्याकाल में डूबते सूर्य को अर्घ्य दे और अगली सुबह उगते सूर्य को जल अर्पित करें. अर्घ्य के समय टोकरी में फल, फूल, पकवान और अन्य सामग्रियों को रखना आवश्यक हैं.
धार्मिक मान्यता और लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा से सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती हैं. विवाहित स्त्रियों को यह सौभाग्य मिलता है और संतान की उन्नति के मार्ग खुल जाते हैं.