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रांची/डेस्क: शादी के दौरान बहुत सारे रीति-रिवाजों को माना जाता है. देशभर के कई इलाकों में शादी को लेकर अलग-अलग परंपराएं निभाई जाती है. शादी के बाद भी दूल्हा-दुल्हन कई सारे रीति-रिवाज को निभाते है. कई बार आपने अजीबोगरीब रीति-रिवाजों के बारे में सुना होगा. लेकिन आज हम आपके शादी के बाद एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे है, जिसे सुनने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे. जी हां आपने सही सुना. आइए आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते है.
देश का एक ऐसा गांव है जहां शादी के बाद दुल्हन 7 दिनों तक कपड़े नहीं पहनती है. जी हां आप सुन रहे है. इन 7 दिनों के दौरान दुल्हन अलग-अलग कमरे में रहती है. ऐसे में वह दूल्हे से मुलाकात भी नहीं करती है. यहीं नहीं सावन महीने में भी इस गांव की महिलाएं 5 दिन कपड़े नहीं पहनती है. गांव में ऐसी आस्था है कि अगर शादीशुदा महिला ऐसा नहीं करती है तो उनके साथ कुछ अशुभ हो जाता है. यहां पुरुष भी सावन महीने में मांस और शराब का सेवन नहीं करते है.
क्यों निभाई जाती है ऐसी परंपरा?
ऐसा माना जाता है कि बहुत पहले इस गांव को राक्षसों से मुक्ति दिलाने के लिए कपड़े नहीं पहनने की परंपरा की शुरुआत की गई थी. लेकिन वर्त्तमान की बात करें तो यहाँ महिलाएं कपडें नहीं पहनने के दिनों में अपने शरीर में एक पतला सा कपड़ा धारण कर लेती है.
कहा है ये गांव?
ऐसी परंपरा निभाने वाला यह गांव हिमाचल प्रदेश की मणिकर्ण घाटी में है. इस गांव का नाम पीणी गांव है.
नोट: यह खबर कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बनाई गई है. हम इस बात की पुष्टि नहीं करते है.