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रांची/डेस्क: झारखंड में 2nd JPSC नियुक्ति घोटाले को लेकर रांची CBI कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया हैं. सीबीआई ने पिछले वर्ष नवंबर माह में करीब 12 साल बाद अपनी जांच पूरी कर रांची सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने 72 अभियुक्तों के खिलाफ समन जारी करने का आदेश दिया हैं. चार्जशीट में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद समेत 70 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है.
यह घोटाला 12 साल बाद सीबीआई द्वारा जांच पूरी करने और चार्जशीट पेश की, जिसमें यह खुलासा किया गया कि जेपीएससी के तत्कालीन अधिकारियों और सदस्यों ने कई परीक्षार्थियों के नंबरों में हेराफेरी की थी. कापियों में काट-छांट कर और इंटरव्यू के वास्तविक अंकों को बढ़ाकर अभ्यर्थियों को अनियमित रूप से सफल किया गया था.
चार्जशीट में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद, सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह, एलिस उषा रानी सिंह, अरविंद कुमार, सोहन राम, शांति देवी, राधा गोविंद सिंह नागेश, प्रशांत कुमार लायक, हरि शंकर बराईक, हरि शंगर सिंह मुंडा, राधा प्रेम किशोर, विनोद राम, रवि कुमार कुजुर, बटेश्वर पंडित, कोआर्डिनेटर परमानंद सिंह, मुकेश कुमार महतो, एसए खन्ना, अल्बर्ट टोप्पो, मौसमी नागेश, कानुराम नाग, लाल मोहन नाथ शाहदेव, प्रकाश कुमार, कुमारी गीतांजलि, संगीता कुमारी, एस अहमद, नंदलाल, कुंदन कुमार सिंह, रजनिश कुमार, शिवेंद्र, कुमार शैलेंद्र, हरि उरांव एवं संतोष कुमार चौधरी का नाम शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला?
झारखंड हाईकोर्ट ने 2012 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. इसके बाद मई 2024 में सीबीआई ने 37 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिनमें जेपीएससी के कई उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल थे. सीबीआई का रोप है कि इन अधिकारियों ने परीक्षाओं में भष्टाचार किया और उम्मीदवारों को अनुचित लाभ दिया. अब रांची कोर्ट ने समन जारी कर इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ाया हैं. इस मामले में सीबीआई की जांच और अदालत का फैसला सबकी नजरों में है क्योंकि यह घोटाला राज्य में सरकारी नियुक्तियों की प्रक्रिया पर बड़ा सवाल खड़ा करता हैं.