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रांची/डेस्कः उत्तर प्रदेश में अयोध्या के राम मंदिर में अगले साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. इसी बीच एक खबर है कि रामलला के इस भव्य मंदिर में पुजारी बनने के लिए करीब 3 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन जमा किया था जिनमें से करीब 2 सौ उम्मीदवारों को इंटरव्यू में बुलाया गया है. बता दें, चयनित हुए 200 उम्मीदवारों में से 20 उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा जिन्हें 6 की ट्रेनिंग दी जाएगी.
रामलला मंदिर में पुजारी बनने के लिए आए उम्मीदवारों की जानकारी देते हुए ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने 21 नवंबर (सोमवार) को बताया है कि 3 हजार में से इंटरव्यू के लिए बुलाए गए 200 अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता के आधार पर चुना गया है और उन्हें ट्रस्ट द्वारा इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है. सभी उम्मीदवारों का इंटरव्यू अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के मुख्यालय कारसेवक पुरम में लिया जा रहा है. इनका इंटरव्यू अयोध्या के दो महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और सत्यनारायण दास साथ ही वृन्दावन के जयकांत मिश्रा का तीन सदस्यीय पैनल ले रहा है.
जिनका चयन नहीं हुआ वे उम्मीदवार भी ट्रेनिंग में हो सकते हैं शामिल
इंटरव्यू में शामिल 200 उम्मीदवारों में से 20 योग्य उम्मीदवारों को चुना जाएगा जिन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद राम मंदिर के पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा. साथ ही उन्हें अलग-अलग विभिन्न पदों पर तैनात किया जाएगा. ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि के मुताबिक, जिन्हें ट्रस्ट द्वारा चयनित नहीं किया गया है वे भी 6 महीने की ट्रेनिंग में भाग ले सकते हैं. ट्रेनिंग के पश्चात उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे. हालांकि इन उम्मीदवारों को वर्तमान में नहीं...तो उसके बाद भविष्य में रामलला के मंदिर में पुजारी बनने का मौका दिया जा सकता है. उम्मीदवारों को दिए जाने वाली ट्रेनिंग शीर्ष संतों के द्वारा तैयार धार्मिक पाठ्यक्रम पर आधारित होगी. इस दौरान उम्मीदवारों को फ्री में आवास और भोजन मिलेगा इसके साथ ही इन्हें 2,000 रुपये का भत्ता भी प्रदान किया जाएगा.
मौजूदा पद्धति से भिन्न होगी रामलला की पूजा पद्धति
उत्तरप्रदेश के अयोध्या में बने रहे भव्य रामलला के मंदिर में पूजा की पद्धति मौजूदा पद्धति से बिल्कुल भिन्न होगी. यहां पूजा पद्धति रामानंदीय संप्रदाय के मुताबिक होगी. इसके लिए विशेष अर्चक होंगे. अयोध्या की अन्य मंदिरों की तरह पंचोपचार विधि (सामान्य तरीके) से राम जन्मभूमि परिसर में स्थित अस्थाई मंदिर में अबतक पूजा पद्धति होती थी जिसमें. भगवान को नए वस्त्र धारण कराना, भोग लगाना, आरती और फिर सामान्य रूप से पूजन पद्धति शामिल है. लेकिन रामलला के इस भव्य मंदिर में साल 2024 के 22 जनवरी को उनकी प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर में सबकुछ बदल जाएगा. मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामानंदीय परंपरा के मुताबिक यहां के मुख्य पुजारी, सहायक पुजारी और सेवादार रामलला की पूजा आराधना करेंगे