न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड के कोल नगरी धनबाद से बेहद दुखद खबर आई है जहां एक निजि अस्पताल में आग लगने से डाक्टर दंपति समेत 6 लोग जिंदा जल कर खाक हो गए. बता दें धनबाद के बैंक मोड के पुराना बाजार स्थित हाजरा हॉस्पिटल में बीती रात के आसपास अस्पताल में आग लगने से 2 डॉक्टर समय समेत 5 लोगों की जान चली गई है. हालांकि प्रशासन की ओर से 5 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. बताया जाता है कि इस बड़े हादसे में डॉ विकास हाजरा और डॉक्टर प्रेमा हजरा की मौत हो गयी है वहीं अस्पताल के दूसरे 5 कर्मचारियों की दम घुटने से मौत हुई है.
आग की वजह शार्ट सर्किट
इधर घटना के संबंध में फिलहाल मिल रही जानकारी के अनुसार अस्पताल के प्रबंधक ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है. साथ ही किचन से एक गैस से भरा हुआ सिलेंडर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, अगर आग सिलेंडर तक पहुंचती तो स्थिति और ज्यादा भयावह हो जाती.
वहीं मौके पर बैंको इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी पीके सिंह डीएसपी विधि व्यवस्था अरविंद कुमार बिंहा ने मोर्चा संभाला और सुरक्षा एहतियात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बाहरी लोगों को ऊपर जाने पर रोक लगा दी है. इधर अग्निशमन विभाग के कर्मियों की माने तो अस्पताल में आग को रोकने के लिए सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं नजर आया, यहां तक कि एंटीफायर मशीन भी सक्रिय नहीं दिखा ऐसे में घटना की वजह सुरक्षा में लापरवाही को ही बड़ी चूक मानी जा सकती है.
बता दें शॉर्ट सर्किट की वजह से दूसरे तल्ले मेंआग लगी थी. और धीरे-धीरे ये आग फैलते हुए अस्पताल के पहले तले को अपने चपेट में ले ली जिसके कारण अस्पताल के दूसरे आवासीय हिस्से में रह रहे लोग भी प्रभावित हुए और लोगों की जान इसलिए चली गई क्योंकि आग लगने के दौरान वे गहरी निंद्रा में थे और बचाव के कोई खास इंतजाम नहीं हो पाया. आग लगने की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग से दमकल की 2 गाड़ियां मौके पर पहुंची और अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने अस्पताल के दोनों तले से कुल 09 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला, उन सभी को पास के पाटलिपुत्र नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है.
हादसे से इलाके में पसरा मातम
दूसरी ओर इस हादसे से आसपास के लोग काफी हतप्रभ है ,दुखी हैं और चिंतित हैं यहां तक की अस्पताल के ठीक बगल में 15- 16तल्ले की बड़ी बड़ी (एंपायर ,हार्मोनी) अपार्टमेंट है. पास केबिल्डिंग तक आग पहुंच सकती थी लेकिन उन बड़े टावरों वाले मकान में हादसे को रोकने के के लिए कोई खास इंतजाम नहीं नजर आए.
वही कुछ मरीज के परिजन ऐसे भी थे जिन्हें सूचना मिली कि डॉक्टर प्रेमा हाजरा और उनके पति डॉक्टर विकास हाजरा अब इस दुनिया में नहीं है तो दौड़े-दौड़े अस्पताल के पास पहुंचे. उसमें से एक परिजन तो कोलकाता से भागे दौड़े पहुंचा था सामने महिला भावुक हो गई और अपने दर्द को बताते हुए कहा कि प्रेमा हजरा गरीबों की मसीहा थी सबका ध्यान रखती थी उनके जाने से गरीब मरीजों को बड़ा नुकसान हुआ है उसके आंसुओं के सैलाब से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि "धरती के भगवान" डॉक्टर और मरीज का रिश्ता कितना गहरा होता है. इस हादसे को लेकर पूरा धनबाद गमगीन है.