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रांची/डेस्क: अक्सर लोगों को मजबूरी के कारण अपने गहने बेचते हुए देखा है पर क्या अपने कभी भी किसी को अपने बेटे को बेचते हुए हैं? ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामले सामने आया हैं. यह मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनजर जिले की है, जहां एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और नवजात को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने के लिए अपने तीन साल के बेटे को बेचना पड़ गया.
जानें पूरा मामला
दरअसल, बरवा पट्टी निवासी हरीश पटेल ने अपनी पत्नी को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था. जब वह अस्पताल की फीस का भुगतान करने में असमर्थ रहने पर और कुछ लोगों के कहने पर उसने अपना बच्चा एक दंपति को बेच दिया. जानकारी के मुताबिक हरीश ने शुक्रवार को फर्जी गोद लेने के दस्तावेज के तहत अपने तीन साल के बेटे को बेचने की बात पर सहमति जताई हैं.
पुलिस ने क्या कहा
पुलिस अधिकारी ने बताया है कि हरीश को अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को निजी अस्पताल से डिस्चार्ज दिलवाना था. जिसके वजह से उसने अपने तीन साल के बेटे को बेच दिया था. इस घटना के पर लोगों ने अपनी नाराज़गी जताई हैं. इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने तुरंत इस पर कार्यवाई शुरू की. इस मामले में पुलिस ने शनिवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक दंपति जिसने बच्चे को खरीदा था, वह भी शामिल हैं.
एक डॉक्टर भी है शामिल
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने यह बताया है कि इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी हैं. इस मामले में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं. इनमें बिचौलिया अमरेश यादव, बच्चे को खरीदने वाले भोला यादव और उसकी पत्नी कलावती यादव के साथ एक फर्जी डॉक्टर तारा कुशवाह और अस्पताल की एक सहायिका सुगांती भी शामिल हैं. इस मामले में रिश्वत लेने के आरोप में एक कांस्टेबल को भी सस्पेंड कर दिया गया हैं.