प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्क: शनिवार को राज्य के पर्यटन मंत्री सुदीव्य कुमार पलामू व्याघ्र संरक्षण के शासी निकाय की बैठक में भाग लेने बेतला पहुँचे. वहाँ पहुँचने पर वन रक्षी टीम द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष पूनम देवी, जीप सदस्य संतोषी शेखर, डायरेक्टर कुमार आशीष और डीएफओ प्रजेशकांत जैना ने मंत्री का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया.
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
मंत्री सुदीव्य कुमार की अध्यक्षता में बेतला के सभागार में बैठक आयोजित हुई, जिसमें वन विभाग के पीसीसीएफ एस. सामंत, सचिव मो. सिद्दीकी, पीसीसीएफ पी. उपाध्याय, फील्ड डायरेक्टर पी. नटेश, डीएफओ साउथ कुमार और डीएफओ प्रजेशकांत जैना शामिल हुए. बैठक में पलामू व्याघ्र संरक्षण क्षेत्र में किए गए कार्यों और उपलब्धियों की समीक्षा की गई.
बैठक में वन और वन्यजीवों की रक्षा के लिए विशेष योजना बनाने और पर्यटन स्थल को विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित करने पर विशेष जोर दिया गया. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के पर्यटन विकास की विशाल संभावनाएँ हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है.
पहाड़ी मंदिर को पर्यटन स्थल में शामिल करने की मांग
मंत्री के बेतला आगमन पर विधायक सह सभापति रामचंद्र सिंह और जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर ने उन्हें प्राचीन पहाड़ी मंदिर की तस्वीर भेंट कर मंदिर आने का निमंत्रण दिया. विधायक ने मंत्री से पहाड़ी मंदिर को पर्यटन स्थल की सूची में शामिल करने, विशेष योजना बनाने और पर्यटन विकास के लिए पैकेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. उन्होंने मंदिर क्षेत्र में रोपवे लगाने की भी मांग की, जिससे पर्यटकों को सुविधा मिले और पर्यटन को बढ़ावा मिले. इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द ही एक टीम भेजी जाएगी, जो मंदिर के विकास की योजना तैयार करेगी.
वन कर्मियों का सम्मान
मंत्री सुदीव्य कुमार ने पीटीआर अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन कर्मियों को प्रमाण पत्र और चेक देकर सम्मानित किया. सम्मानित होने वालों में परमजीत तिवारी, विवेक विशाल, संतोष सिंह, अखिलेश सिंह, दिलीप कुमार, टेनो गश्ती दल समेत अन्य वन रक्षी कर्मी शामिल थे. इस बैठक के माध्यम से वन संरक्षण और पर्यटन विकास को प्राथमिकता देने का स्पष्ट संदेश दिया गया. पलामू टाइगर रिजर्व और पहाड़ी मंदिर क्षेत्र के उन्नयन से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा बल्कि पर्यटन के नए अवसर भी सृजित होंगे.