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रांची/डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण लोगों को गले में खराश, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली और हरियाणा के बाद अब बिहार के कई जिलों में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. बिहार के विभिन्न जिलों में वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की जा रही है.
राज्य के मुख्य नगरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अत्यधिक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. इन स्थानों की वायु अब घातक श्रेणी में आ चुकी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति विशेष रूप से वृद्ध व्यक्तियों, बच्चों और अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए अत्यंत जोखिमपूर्ण हो सकती है.
सबसे अधिक प्रदूषित इलाका
मुजफ्फरपुर (बुद्धा कॉलोनी) में AQI 440, हाजीपुर में AQI 421, राजगीर में AQI 394 में पटना (DRF ऑफिस, दानापुर) में AQI 331, गया में AQI 314, बक्सर में AQI 312 है.
मध्यम स्तर पर प्रदूषण
आरा: AQI 112, कटिहार: AQI 126, सिवान: AQI 106
खराब श्रेणी में शामिल जिले
औरंगाबाद: AQI 228, अररिया: AQI 233, भागलपुर (मायागंज): AQI 233, बेतिया (कमलनाथ): AQI 271, बिहारशरीफ: AQI 274, सासाराम: AQI 271 इन क्षेत्रों की हवा घातक श्रेणी में पहुंच चुकी है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा या अन्य सांस से संबंधित रोगियों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है.
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुहाल
वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार तीसरे दिन घनी धुंध छाई रही और प्रदूषण का स्तर 488 पर पहुंचे एक्यूआई के साथ ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया. मंद हवाओं और गिरते तापमान के कारण प्रदूषक कणों का छंटना मुश्किल हो गया. दिल्ली के आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के कारण उससे निकला धुंआ और प्रदूषक ठंडी हवा में घुलमिल जाते हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 488 दर्ज किया गया.