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रांची/डेस्क: वो कहते है न "न्याय भले ही देर से मिलता है लेकिन मिलता जरुर हैं". यह कहावत अब एक दिल दहला देने वाली घटना के रूप में सच साबित हुई हैं. 19 साल पहले केरल के कोल्लम जिले में हुई एक दर्दनाक हत्या के मामले का खुलासा अब AI और तकनीकी खुफिया नेटवर्क की मदद से हुआ. यह कहानी एक मां और उसके जुड़वा बच्चों की हत्या से जुड़ी है, जिसे सुलझाने में पुलिस को लगभग दशकों का वक्त लग गया लेकिन अब आखिरकार आरोपी सलाखों के पीछे हैं.
क्या है पूरा मामला?
10 जनवरी, 2006 को केरल के अंचल में संतम्मा ने अपनी पत्नी रंजीनी और उसके 17 दिन के जुड़वा बच्चों को खून में सने देखा. तीनों का गला रेतकर उनकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने जल्द ही जांच शुरू की और दो संदिग्धों, दिविल कुमार और राजेश, जो दोनों सेना के जवान थे और पठानकोट के मिलिट्री बेस में तैनात के रूप में पहचान हुई हैं. हालांकि ये दोनों फरार हो गए और मामला समय के साथ ठंडे बस्ते में चला गया लेकिन कहते है न समय चाहे कितना भी लगे, सच्चाई सामने जरुर आती हैं. 2023 में केरल पुलिस ने AI तकनीक का सहारा लिया और इस पुराने मामले को फिर से खोला.
AI की मदद से मामला सुलझा
केरल पुलिस की तकनीकी खुफिया विंग ने पुराने मामलों की पुनः जांच के दौरान AI का इस्तेमाल किया. उन्होंने आरोपी की पुरानी तस्वीरों को डिजिटल तरीके से विकसित किया और उन्हें आधुनिक लुक में बदलकर सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों से मिलाया. एक शादी के तस्वीर में AI द्वारा जेनरेट की गई फोटो 90% मेल खा गई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी राजेश को पुडुचेरी में ट्रैक किया और दिविल का पता लगाया.
अरेस्ट के बाद खुली साजिश की परतें
4 जनवरी, 2025 को CBI ने दोनों आरोपियों को पुडुचेरी से गिरफ्तार किया. दोनों ने अपनी पहचान बदलकर नए नाम रखे थे- दिविल ने "विष्णु" और राजेश ने "प्रवीण कुमार" नाम अपना लिया था. दोनों अब इंटीरियर डिजाइन का काम कर रहे थे और 19 साल तक खुद को छिपाए हुए थे.
रंजीनी और दिविल के बीच एक पुराने रिश्ते का खुलासा हुआ हैं. दोनों के बीच रिश्ता था लेकिन रंजीनी के गर्भवती होने पर दिविल ने उससे मुंह मोड़ लिया और पठानकोट चला गया लेकिन फिर भी रंजीनी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया और उसके बाद राजेश ने उसे धोखे से अपने साथ मिलकर हत्या की साजिश रचने के लिए राजी किया.
रंजीनी की मां संतम्मा ने राज्य महिला आयोग से दिविल के खिलाफ पितृत्व जांच (DNA टेस्ट) की मांग की थी लेकिन इस जांच से बचने के लिए राजेश ने अपनी साथी दिविल के साथ मिलाकर रंजीनी और उसके बच्चों की हत्या कर दी. 19 साल बाद इस दिल दहला देने वाली हत्या के मामले का अंत हुआ और पीड़ितों को न्याय मिला.