न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. सोशल मीडिया में पोस्ट कर चंपाई सोरेन ने कहा कि पाकुड़ में प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के रामनवमी जुलूस पर रोक लगाना राज्य सरकार की हिन्दू-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. हिन्दू / मूलवासी समाज वैसे भी शांतिप्रिय होता है, लेकिन अगर सरकार को लगता है कि वे रामनवमी शोभायात्रा को सुरक्षा तक नहीं दे सकते, तो फिर क्या कहें?
चंपाई सोरेन ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि पाकुड़ में आदिवासी/ हिन्दू समाज अल्पसंख्यक हो चुका है, जबकि एक समुदाय विशेष की आबादी दो-तिहाई के करीब है. तो क्या सरकार यह बताना चाहती है कि जहाँ कहीं भी हिन्दू अल्पसंख्यक होंगे, वहाँ उनके धार्मिक/ संवैधानिक अधिकारों को इसी प्रकार छीन लिया जायेगा? क्या झारखंड में हिन्दू होना अपराध है? क्या राज्य सरकार किसी अन्य धर्म के पर्व-त्योहारों पर ऐसा ही तुगलकी फरमान जारी करने का साहस दिखा सकती है?