न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: देशभर में साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है और अब ठगों ने पोस्ट ऑफिस के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को धोखा देने का नया तरीका ढूंढ लिया हैं. इन दिनों कई लोगों को फर्जी मैसेज मिल रहे है, जिनमें India Post के नाम पर ठगी की कोशिश की जा रही हैं. इस फेक मैसेज के जरिए ठग लोग पोस्ट ऑफिस की डिलीवरी से जुड़ी परेशानी का झूठा दावा करके लोगों को लिंक पर क्लिक करने और अपनी पर्सनल डिटेल्स देने के लिए मजबूर कर देते हैं. जिसके बाद लोग उनकी बातों का शिकार हो जाते हैं.
X प्लेटफार्म पर India Post की चेतावनी
India Post ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट जारी कर इस फेक मैसेज के बारे में जानकारी दी है और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी हैं. पोस्ट में यह बताया गया है कि साइबर फ्रॉड द्वारा भेजे जा रहे यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी है और इनमें दिए गए लिंक पर क्लिक करने से आपकी पर्सनल जानकारी ठगों के पास जा सकती है, जिसका गलत इस्तेमाल हो सकता हैं.
कैसे काम करते है यह साइबर ठग?
फर्जी मैसेज में ठग अक्सर डिलीवरी से संबंधित कोई समस्या का जिक्र करते है, जैसे "आपकी डिलीवरी में समस्या आई है" या "आपका पैकेज अटक गया हैं." इसके बाद यह कहा जाता है कि समस्या को हल करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और अपनी जानकारी भरें. यह एक आम तरीका है जिससे ठग लोगों को फंसाते है और उनकी जानकारी चुरा लेते हैं जिसमें बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड नंबर, और अन्य व्यक्तिगत जानकारियां शामिल होती हैं.
सावधान कैसे रहें?
साइबर ठगों के जाल से बचने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: किसी अनजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें, चाहे वह आपके भरोसेमंद संस्थान के नाम से ही क्यों न हो.
- पर्सनल डिटेल्स न दें: किसी भी परिस्थिति में न दे अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स या ओटीपी, को ऑनलाइन मैसेज के माध्यम से शेयर न करें.
- संदिग्ध मैसेज को रिपोर्ट करें: अगर आपको ऐसा कोई मैसेज मिलता है, तो तुरंत इसे संबंधित प्लेटफार्म पर रिपोर्ट करें और India Post या संबंधित संस्था के आधिकारिक नंबर पर इसकी सूचना दें.
- मजबूत पासवर्ड रखें: अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए हमेशा मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें, जिससे आपका डेटा सुरक्षित रह सके.
अधिकारियों की चेतावनी
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी लोगों से अपील की है कि वह इस तरह के मैसेज से सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने से पहले संबंधित संस्था से उसकी पुष्टि कर लें. सरकारी संस्थाएं कभी भी ऐसी निजी जानकारी मैसेज के माध्यम से नहीं मांगती हैं।
साइबर अपराधों में तेजी से हो रही वृद्धि को देखते हुए यह जरूरी है कि लोग जागरूक रहें और ऐसे फेक मैसेज से खुद को बचाकर रखें.