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रांची/डेस्क: मुंबई के प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें काले जादू से जुड़ी घटनाएं और बड़े वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ है. अस्पताल के मौजूदा ट्रस्टियों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में पूर्व ट्रस्टियों ने काले जादू का इस्तेमाल किया था. उनका दावा है कि अस्पताल के फर्श के नीचे से इंसानी हड्डियों और बालों से भरे 8 कलश मिले हैं, जिसे लेकर पुलिस जांच शुरू हो गई है.
काले जादू और वित्तीय अनियमितताओं का कनेक्शन
लीलावती अस्पताल ट्रस्ट के वर्तमान कार्यकारी निदेशक और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बीते 20 वर्षों में पूर्व ट्रस्टियों ने बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं कीं. घोटाले का ये मामला पहले ही अस्पताल की साख को प्रभावित कर चुका था, लेकिन अब काले जादू का खुलासा होने से विवाद और बढ़ गया है.
1250 करोड़ रुपये के गबन का लगा आरोप
लीलावती अस्पताल ट्रस्ट ने सात पूर्व ट्रस्टियों और विक्रेताओं सहित 17 लोगों के खिलाफ 1250 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में FIR दर्ज कराई है. FIR में आरोप है कि पूर्व ट्रस्टियों ने अस्पताल की चिकित्सा उपकरण, फर्नीचर, कंप्यूटर, एम्बुलेंस, दवाओं, फार्मेसी सामग्री की खरीद में धोखाधड़ी की. इसके अलावा, भूमि और भवन से जुड़े सौदों में भी अनियमितताएं की गईं. आरोप है कि ट्रस्टियों ने निजी कंपनियों के साथ मिलकर अस्पताल के पैसे की हेराफेरी की.
पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ हुए तीन FIR
पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ यह तीसरी FIR है. पहले दो FIRs में 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी (जुलाई 2024) और 44 करोड़ रुपये की कानूनी फीस की हेराफेरी (दिसंबर 2024) के मामले सामने आए थे. अब तीसरी FIR में 1250 करोड़ रुपये के कथित गबन और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है.
ट्रस्टियों ने पहले बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद ट्रस्टियों ने बांद्रा कोर्ट का रुख किया, जहां से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSC) की धारा 175(3) के तहत FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया.
फर्श के नीचे बालों से भरे कलश और इंसानी हड्डियां
ट्रस्टियों ने दावा किया है कि अस्पताल के फर्श के नीचे इंसानी हड्डियां और बालों से भरे कलश मिले हैं, जो काले जादू से जुड़े हो सकते हैं. यह सामग्री ट्रस्टियों के कार्यालयों के नीचे दबी हुई थी. अस्पताल ने इंजीनियरिंग विभाग से फर्श तुड़वाया और इसका वीडियो रिकॉर्ड किया. ट्रस्टियों का कहना है कि ये वस्तुएं अस्पताल की छवि को खराब करने और कर्मचारियों को डराने की साजिश हो सकती हैं.
ट्रस्टियों का क्या है कहना?
अस्पताल के ट्रस्टी प्रशांत मेहता ने कहा कि उनकी मां चारु मेहता और अन्य ट्रस्टियों के कार्यालयों के फर्श के नीचे से कई सारी रहस्यमयी चीजें मिली हैं. ऐसे में उन्होंने फर्श को तुड़वाया. इसके बाद इसका उन्होंने वीडियो भी रिकॉर्ड किया. ऐसे में साबित करता है कि कुछ गड़बड़ी हुई थी. ट्रस्टियों का यह भी कहना है कि यह पूरे मामले का उद्देश्य अस्पताल को बदनाम करना और भय फैलाना हो सकता है.
अब इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बांद्रा पुलिस और कोर्ट दोनों ने जांच शुरू कर दी है. काले जादू और गबन के मामलों में पुलिस की कार्रवाई पर सभी की नजरें बनी हुई हैं. इस रहस्यमयी और सनसनीखेज मामले में अब तक का सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह सब साजिश का हिस्सा था या कोई और रहस्य सामने आएगा?