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रांची/डेस्क: बेंगलुरु के चर्चित महालक्ष्मी मर्डर केस में एक बड़ा मोड़ तब आया जब मुख्य आरोपी मुक्ति रंजन रॉय की लाश ओडिशा के भद्रक जिले में एक पेड़ से लटकी हुई मिली. इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई हैं. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव के पास से एक बैग, एक नोटबुक और एक स्कूटी बरामद की हैं. लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद परिवार को सौंप दिया गया था.
सुसाइड नोट में चौंकाने वाली कबूलनामा
मुक्ति रंजन रॉय के पास से मिले सुसाइड नोट में उसने कबूल किया कि उसने बेंगलुरु में महालक्ष्मी नाम की महिला की हत्या की थी. उसने यह भी स्वीकार किया है कि हत्या के बाद उसने महालक्ष्मी के शरीर के टुकड़े कर फ्रिज में छुपा दिए थे. यह सुसाइड तब हुआ जब बेंगलुरु पुलिस उसकी लोकेशन ट्रैक कर रही थी और उसे जल्द गिरफ्तार करने वाली थी. ओडिशा पुलिस के मुताबिक, मुक्ति ने सुबह 5 से 5:30 बजे के बीच आत्महत्या की हैं.
हत्या के बाद शव के टुकड़े किए
बेंगलुरु के व्यालिकावल इलाके में 21 सितंबर को पुलिस को महालक्ष्मी के किराए के कमरे से उसके शरीर के 59 टुकड़े मिले थे. पुलिस के अनुसार, हत्या करीब 19 दिन पहले हुई थी और शव को फ्रिज में रखा गया था. कमरे में एक ट्रॉली बैग भी मिला, जिससे यह शक होता है कि आरोपी शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने की योजना बना रहा था लेकिन भीड़भाड़ वाले इलाके के कारण वह ऐसा नहीं कर सका.
कमरे में ही हुआ हत्या और शव के टुकड़े
जांच में यह खुलासा हुआ है कि महालक्ष्मी की हत्या उसी कमरे में हुई थी और शव के टुकड़े भी उसी कमरे में किए गए थे. पुलिस को यह शक है कि हत्या के बाद आरोपी ने कमरे और बाथरूम की सफाई करने की भी कोशिश की थी. पोस्टमार्टम के बाद महालक्ष्मी के शव के टुकड़े उसके परिवार को सौंप दिए गए और बेंगलुरु में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया.
कातिल की तलाश
महालक्ष्मी की हत्या के बाद बेंगलुरु पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी मुक्ति रंजन रॉय की पहचान कर ली थी, जो पश्चिम बंगाल का रहने वाला था और बेंगलुरु में हेयर ड्रेसर का काम करता था. पुलिस ने CCTV Footage के आधार पर उसकी पहचान की थी, जिसमें उसे महालक्ष्मी के घर के आसपास देखा गया था. कई राज्यों में पुलिस टीमों को भेजा गया था लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही आरोपी ने ओडिशा में आत्महत्या कर ली.
पहले पति ने लगाया था अशरफ पर आरोप
महालक्ष्मी के पति हेमंत दास ने शुरू में महालक्ष्मी के दोस्त अशरफ पर हत्या का शक जताया था. अशरफ भी एक हेयर ड्रेसर था और उत्तराखंड का रहने वाला था. हेमंत ने दावा किया है कि महालक्ष्मी और अशरफ के बीच अफेयर था, जिसके कारण 9 महीने पहले हेमंत और महालक्ष्मी का तलाक हो गया था. हालांकि पुलिस जांच के बाद अशरफ को बेकसूर पाया गया था.
पुलिस की तेजी से जांच
अशरफ को पूछताछ के लिए बुलाया गया और उसकी कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच की गई हैं. सभी साक्ष्यों से यह साबित होता है कि अशरफ का महालक्ष्मी की हत्या से कोई संबंध नहीं था. असली कातिल मुक्ति रंजन रॉय था, जिसने बाद में आत्महत्या कर ली.
इस सनसनीखेज मामले का अंत भले ही कातिल की मौत से हुआ हो लेकिन यह बर्बर हत्या और उसके बाद की घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया हैं.