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रांची/डेस्क: बिहार में कोसी और गंडक नदियों के जलस्तर में अचानक आई वृद्धि के बाद राज्य के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई हैं. कई नदियों के तटबंध टूटने की खबरों से राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में हालात और बिगड़ गए हैं. जल संसाधन विभाग के मुताबिक, 16 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके है, हालांकि अभी तक किसी जनहानि की सूचना नहीं हैं.
तटबंधों के टूटने से बाढ़ग्रस्त इलाके
रविवार को सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी का तटबंध टूट गया हैं. वहीं पश्चिम चंपारण में गंडक नदी के बाएं किनारे पर बने तटबंध में पानी के दबाव से दरार आ गई हैं. इसके चलते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया हैं. अधिकारियों ने यह बताया है कि नेपाल से सटे इलाकों में पानी का बहाव तेज होने के कारण कई तटबंधों पर रिसाव की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं. सीतामढ़ी के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर में तटबंधों पर दरारें आने की खबरें सामने आई हैं.
इंजीनियर निलंबित
बगहा में बाढ़ नियंत्रण प्रभाग के कार्यकारी इंजीनियर निशिकांत कुमार को लापरवाही और समन्वय की कमी के आरोप में निलंबित कर दिया गया हैं. राज्य के जल संसाधन विभाग ने यह बताया है कि बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं. विभागीय टीमें 24/7 तटबंधों की निगरानी कर रही है ताकि किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सकें.
कोसी और गंडक में पानी का उच्चतम स्तर
कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो पिछले 56 सालों में सबसे अधिक हैं. इससे पहले 1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसी प्रकार गंडक नदी पर वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो 2003 के बाद का सबसे बड़ा डिस्चार्ज हैं. जल संसाधन विभाग के अनुसार, बिहार में लगातार बारिश और नेपाल में हो रही भारी वर्षा के कारण नदी जलस्तर में वृद्धि हुई हैं.
लगातार बारिश से हालात बिगड़े
राज्य में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं. इस वजह से पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया समेत कई जिलों में बाढ़ का पानी निचले इलाकों में प्रवेश कर चुका हैं.
SDRF टीमों द्वारा राहत और बचाव कार्य
गांवों में बाढ़ के पानी के प्रवेश के बाद प्रशासन ने कई इलाकों में आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी हैं. SDRF (State Disaster Response Force) की टीमों को तैनात किया गया है, जो प्रभावित गांवों से लोगों को निकालने का काम कर रही हैं. बगहा में चंपारण तटबंध टूटने के बाद NH 727 पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा हैं. इसके अलावा दरभंगा में कोसी और कमला बलान के जलस्तर में वृद्धि के बाद कुशेश्वरस्थान पूर्वी, किरतपुर, घनश्यामपुर और गौड़ाबौराम प्रखंड के कई गांवों में पानी भर गया हैं.
सरकार का आश्वासन
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जनता से घबराने की जरूरत नहीं होने का आश्वासन दिया हैं. उन्होंने यह कहा है कि विभागीय टीमें किसी भी खतरे या कटाव की स्थिति पर तुरंत कार्रवाई के लिए तैनात हैं. सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तत्पर हैं.
बाढ़ का खतरा बढ़ता हुआ
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती हैं. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की हैं. बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में है और सरकार और प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं.