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रांची/डेस्क: भारत में अभी तक इंसानों में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन खतरा बना हुआ है. दुनियाभर में बर्ड फ्लू को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. 2021 से अब तक 28 पोल्ट्री मजदूरों को इस वायरस का संक्रमण हो चुका है, लेकिन भारत में अब तक यह वायरस इंसानों तक नहीं फैला है. आंध्र प्रदेश में अधिकारियों ने एक पोल्ट्री फार्म को सील कर दिया है, 1,500 मुर्गियों को मार दिया गया है और उस इलाके को रेड जोन घोषित किया गया है. इसके साथ ही, आंध्र प्रदेश से पोल्ट्री आयात पर रोक लगा दी गई है, और तेलंगाना ने वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सीमा पर 24 चेकपॉइंट्स स्थापित किए हैं.
बर्ड फ्लू के बीच चिकन कितना सुरक्षित है?
डॉक्टरों का कहना है कि बर्ड फ्लू के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए सबसे जरूरी यह है कि चिकन और अंडे को ठीक से पकाया जाए. यदि पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह से पकाया जाए, तो बर्ड फ्लू का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है. हालांकि, किसी भी संभावित संक्रमण से बचने के लिए फूड सेफ्टी रेगुलेशन्स का पालन करना बेहद जरूरी है. कच्चे चिकन को पकाने से पहले अच्छे से साफ करना चाहिए और उसके बाद हाथों, बर्तनों और फर्श को भी अच्छी तरह धोना चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार, चिकन को 74 डिग्री सेल्सियस पर पकाने से एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस समेत सभी सूक्ष्मजीव मर जाते हैं.
अंडे खाएं या नहीं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अंडों को भी पूरी तरह से पकाना चाहिए ताकि उनमें मौजूद जर्म्स नष्ट हो जाएं. जब तक अंडे का जर्दी और सफेद हिस्सा पूरी तरह से पक न जाए, तब तक उन्हें नहीं खाना चाहिए. इस तरह से पकाए गए अंडों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है, क्योंकि उच्च तापमान पर पकाने से वायरस मर जाते हैं.