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रांची/डेस्क: एक दिल दहला देने वाला मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक महिला को जमानत दे दी, जो अपनी 7 साल की भतीजी को महज 10 रूपए खर्च करने पर जलाने के आरोप में गिरफ्तार थी. इस मामले ने पूरे शहर को चौंका दिया है, जिसमें एक निर्दोष बच्ची के साथ बर्बरता का स्तर बहुत ही क्रूर था.
क्या है पूरा मामला?
साल 2020 में वंदना काले ने अपनी भतीजी को 50 रूपए दिए थे ताकि वह चिकन खरीद सके. लेकिन जब बच्ची 10 रूपए का चॉकलेट खरीदकर वापस घर लौटी तो उसने गुस्से में आकर घिनौने तरीके से सजा दी. वंदना ने बच्ची के हाथ-पैर बांध दिएम उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उसके प्राइवेट पार्ट्स और जांघों को गर्म चम्मच और लोहे से जलाया. बच्ची की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि वह चलने में भी असमर्थ हो गई. यह मामला 2020 का है, जब वंदना काले को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या की कोशिश) और 506 (2) (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.
जमानत पर हाई कोर्ट का फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस खौफनाक घटना के आरोपी वंदना काले को जमानत देते हुए कहा "आवेदक चार साल और 6 महीने से ज्यादा वक्त से सलाखों के पीछे है, फिर भी मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई हैं. वह अपनी सात साल की बेटी के साथ जेल में हैं. आवेदक की कारावास अवधि को देखते हुए, उसे और हिरासत में रखने की जरूरत नहीं हैं."