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रांची/डेस्क: दुनियाभर में शराब पीने के कई लोग शौक़ीन होते है. चाहे गम का माहौल हो या ख़ुशी का इन्हें बस जाम छलकने का मौका मिलना चाहिए. शराब कई तरह के होते है. जैसे व्हिस्की, रम, वोडका, जिन, टकीला, वाइन, बीयर आदि. सभी लोगों की शराब को लेकर अलग-अलग पसंद होती है. कई लोग मौसम के हिसाब से शराब का सेवन करते है. जैसे गर्मी में बीयर पीते है और ठंड के मौसम में रम. वहीँ कई लोग अपने ड्रिंक के प्रति लॉयल रहते है. चाहे कोई भी मौसम हो वह एक ही ड्रिंक हमेशा पीते है. जैसे कोई व्यक्ति गर्मी हो या ठंड वह हमेशा बीयर ही पीता है. वैसे ही व्हिस्की, रम और वोडका पीने वाले लोग भी होते है. लेकिन आज हम आपको शराब को लेकर एक इंटरेस्टिंग जानकारी देने वाले है. आपने वोदका, जिन और टकीला ड्रिंक्स तो देखि ही होंगी. यह ड्रिंक दिखने में तो एक जैसी होती है. लेकिन इनमे अल्कोहल की मात्रा और इनका स्वाद अलग होता है. आइये आपको इनके बीच का अंतर समझाते है.
टकीला और वोडका को अक्सर शॉर्ट्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आपको बता दें कि वोडका बिना स्वाद की शराब होती है. यह आलू, अनाज या शीरे से बनाई जाती है. वहीं जिन की बात करें तो इसका स्वाद विशिष्ट और जटिल होता है. जिन जुनिपर बेरीज से आता है. जिन को बनाते समय इसमें जुनिपर के साथ-साथ बहुत से बोटैनिकल्स और स्पाइसेस का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं अगर बात करें टकीला की तो यह एक तरह का स्पिरिट है. टकीला का उत्पादन मुख्य रूप से मेक्सिको में किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां का वातावरण टकीला बनाने के अनुकूल है.
आपको बता दें कि वोडका को सीधा पिया जा सकता है. इसके अलावा इसे कॉकटेल में इस्तेमाल किया जाता है. वहीं मार्टिनी जैसी क्लासिक कॉकटेल या जिन टॉनिक में जिन का इस्तेमाल किया जाता है. वोडका एक न्यूट्रल स्पिरिट है. वोडका का कोई रंग नहीं होता है. यही नहीं इसका कोई स्वाद नहीं होता है. वोडका कोपहले जमाने में आलू से बनाया जाता था. लेकिन आने वाले समय में वोडका को बनाने में अनाज का इस्तेमाल किया जाने लगा.
टकीला की बनने की बात करें तो यह एक फल से बनता है. आपको बता दें कि आगावे के फल से टकीला को बनाया जाता है. सबसे पहले पौधे को जुटाया जाता है. इसके बाद टकीला बनाने का प्रोसेस शुरू होता है. पौधे को मशीन के जरिए श्रेड किया जाता है. इसके बाद उसे तरल पदार्थ के रूप में बनाया जाता है. इसके बाद कई मशीनों से गुजर कर इसे डिस्टिल किया जाता है. इसके बाद जब वह पूरी तरह से टकीला बन जात है तो इसे बोतल में भर दिया जाता है.
वहीं अगर अल्कोहल की मात्रा की बात करें तो टकीला में 50 प्रतिशत और वोडका में 40 प्रतिशत होती है. इस कारण से इन्हें हार्ड ड्रिंक्स कहा जाता है. वहीं जिन में 35% से 55% तक अल्कोहल की मात्रा होती है. हालांकि अलग-अलग जिन में अलग-अलग औसत अल्कोहल बाय वॉल्यूम (ABV) होता है. जिन की न्यूनतम मात्रा यूरोपीय संघ में 37.5% ABV है. वहीं अमेरिका में यह 40.0% ABV है. स्लो जिन या फ्रूट जिन में 15 से 30% ABV अल्कोहल की मात्रा होती है. वहीं बात करें नेवी स्ट्रेंथ स्टाइल जिन, जो की सबसे मजबूत जिन होती है. इसमें 58% ABV तक हो सकते हैं.