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रांची/डेस्क: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में पिछले दिनों गैंगरेप का मामला सामने आया था। यह मध्य प्रदेश के इंदौर गैंगरेप जैसा ही था। आरोप था कि युवक अपनी पत्नी के साथ घूमने गया था। इसी दौरान 4 लोगों ने युवक को बंधक बनाकर महिला के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस की गहन जांच के बाद सच्चाई सामने आई। महिला के साथ गैंगरेप का आरोप फर्जी निकला और दोनों पति-पत्नी भी नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में विंध्याचल थाना क्षेत्र के अष्टभुजा पहाड़ी पर चार लोगों द्वारा पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला फर्जी निकला। पुलिस का कहना है कि जांच में पता चला कि पीड़ित पति-पत्नी नहीं थे। बल्कि उस दिन सोहन भारती, उसकी महिला मित्र और दोस्त नीरज मोटरसाइकिल से अष्टभुजा पहाड़ी पर घूमने गए थे। वे दोनों जंगल में बैठे थे, तभी चार लोग वहां पहुंचे और उनका वीडियो बनाने लगे। पैसे की मांग की गई। इसी पर दोनों पक्षों में लड़ाई हो गई।
घटना के दौरान सोहन के दोस्त नीरज ने आरोपियों का वीडियो बना लिया था। जिसे उसने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट कर दिया। फिर घटना को फर्जी गैंगरेप का रूप दे दिया गया ताकि पुलिस त्वरित कार्रवाई कर सके। बता दें कि इससे पहले पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 11 सितंबर 2024 को गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। विंध्याचल स्थित काली खोह मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद हम पति-पत्नी पहाड़ की चोटी पर स्थित सीता कुंड के दर्शन करने आए थे। हम मंदिर में दर्शन करके वहां से लौट रहे थे। रास्ते में हमें 4-5 लोग मिले और उन्होंने मुझे लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने मेरे सारे पैसे और मोबाइल छीन लिए। इसके बाद उन्होंने मुझे नीम के पेड़ के पास बंधक बना लिया और मेरी पत्नी को घसीटकर जंगल में ले गए। जहां चार लोगों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। जब मेरी पत्नी चिल्लाने लगी तो उन्होंने हम दोनों को जान से मारने की धमकी दी। मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक अभिनंदन का कहना है कि जांच के बाद सामूहिक दुष्कर्म का आरोप फर्जी निकला है। इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। जांच चल रही है।