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रांची/डेस्क: केंद्र सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) की शक्तियों में इजाफा कर दिया है. अब दिल्ली के LG किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन और उसमें सदस्यों की नियुक्ति कर सकते हैं. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को अधिसूचना जारी की.
यह फैसला MCD (दिल्ली नगर निगम) के 12 वार्ड समितियों के चुनाव से ठीक पहले लिया गया है, जो 4 सितंबर को होने वाले हैं. इस कदम के तहत, दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने MCD चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. इससे पहले, दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि वह 'अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया' में शामिल नहीं हो सकतीं. अब LG ने आदेश दिया है कि चुनाव तय समय पर ही होंगे.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह फैसला राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 की धारा 45डी के तहत लिया गया है. इस अधिनियम के तहत LG को दिल्ली के किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन और उसमें सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार दिया गया.
संविधान का अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से संबंधित है, जो राष्ट्रपति को अधिकार देता है कि वह केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन किसी प्रशासक के माध्यम से करा सकें. इस अधिसूचना के बाद, दिल्ली के LG अब दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे अन्य निकायों का गठन और उनमें नियुक्तियां भी कर सकेंगे.