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रांची/डेस्क: उत्तराखंड में 30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए इस बार कई अहम बदलाव किए गए है, जो श्रद्धालुओं की यात्रा को और भी बेहतर व्यवस्थित बनाएंगे. इस बार केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में रील बनाने वालों और यूट्यूबर्स की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई हैं. यात्रा में शांति और स्वच्छता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया हैं. चारधाम की शुरुआत 30 अप्रैल, 2025 को अक्षय तृतीया के दिन होगी. सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाएंगे. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और अंत में 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.
नहीं होगी रील बनाने वालों की एंट्री
केदारनाथ और बद्रीनाथ के पंडा समाज ने स्पष्ट किया है कि इस बार मंदिर परिसर में वीडियो रील बनाने वालों को बिल्कुल भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा. पिछले साल इन रील्स के कारण परिसर में काफी अव्यवस्था फैल गई थी. केदारनाथ धाम के समुद्र तल से 12,000 फीट ऊंचाई पर ढोल-नगाड़ों की आवाज से शांति भंग हो रही थी, इसलिए इस बार कैमरा ऑन करने पर भी सख्ती से रोक रहे हैं. यदि कोई श्रद्धालु रील बनाने की कोशिश करता हुआ पाया गया, तो उसे बिना दर्शन किए ही वापस लौटा दिया जाएगा.
VIP दर्शन पर लगी रोक
इस बार चारधाम यात्रा में पैसे देकर VIP दर्शन की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया हैं. बद्रीनाथ के पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि पैसे लेकर दर्शन करवाना भगवान की मर्यादा के खिलाफ हैं. इस बार सभी श्रद्धालुओं को समान रूप से दर्शन का अवसर मिलेगा, बिना किसी भेदभाव के.
यात्रा के दौरान 10 होल्डिंग क्षेत्र बनाए जाएंगे
चारधाम यात्रा में यात्रियों को सुरक्षित रखने के लिए 10 प्रमुख होल्डिंग क्षेत्रों का निर्माण किया जा रहा हैं. इन क्षेत्रों के अनुसार, हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रूद्रप्रयाग, ब्यासी, सोनप्रयाग, हरबटपुर, विकासनगर, बड़कोट और भटवाड़ी जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं. यहां यात्रियों को खाने, पीने, शौचालय और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि खराब मौसम या विपरीत हालात में उन्हें कोई परेशानी न हो.
रजिस्ट्रेशन में जबरदस्त भीड़, अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी संभव
अब तक 9 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, जिनमें सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन केदारनाथ के लिए हुए हैं. यात्रा के दौरान रजिस्ट्रेशन की सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से उपलब्ध होगी. जो श्रद्धालु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं.वे हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके अलावा दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था भी लागू होगी, जिससे व्यवस्था में और भी सुधार होगा.