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रांची/डेस्क: राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से चल रहीं विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान योजना क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि योजनाओं के ससमय पूरा होने से ही नाबार्ड के ऋण का फायदा मिलेगा. उन्होंने बहुत धीमी गति वाली योजनाओं के कार्य में प्रगति लाने और जो समय पर पूरी हो सकती हैं, उन योजनाओं पर फोकस करने पर बल दिया. मुख्य सचिव गुरुवार को रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड और अन्य से जुड़ी योजनाओं की हाई पावर कमिटी की बैठक में समीक्षा कर रही थीं. इस दौरान योजनाओं के विरुद्ध स्वीकृत ऋण निकासी के बाद बचे पैसे (गैप) पर भी गहन मंथन किया गया. साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 की संभावित योजनाओं पर चर्चा की गयी.
समीक्षा के दौरान बताया गया कि विभिन्न विभागों की वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 2921.79 करोड़ की 500 योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 1839.39 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत हैं या प्रक्रियाधीन हैं. उसमें से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पेयजल से जुड़ी 1137.53 करोड़ की 18 योजनाओं के लिए 976.96 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हो चुका है. जल संसाधन विभाग के 365.30 करोड़ के पलामू लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए 308 करोड़ और 511.36 करोड़ के पीरटांड़ मेगालिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट के लिए 461.53 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत है.
बताया गया कि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की 369 गोदाम और मार्केटिंग सेंटर बनाने के लिए 103.66 करोड़ की योजना के विरुद्ध 92.85 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. वहीं ग्रामीण कार्य विभाग की ग्रामीण पुल निर्माण की 803.94 करोड़ की योजना है. इसमें से 124 पुल निर्माण के लिए 271.35 करोड़ का ऋण प्रक्रियाधीन है.
समीक्षा के दौरान स्पष्ट हुआ कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में सड़क निर्माण विभाग की 1,088.36 करोड़ की 34 में से 22 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 12 लगभग पूरी होने की स्थिति में हैं. वहीं जल संसाधन विभाग की 2,873 करोड़ की सिंचाई योजनाओं में से 4 बड़े प्रोजेक्ट पूरा होने की स्थिति में हैं. ग्रामीण विकास विभाग की 380 करोड़ की योजनाओं की प्रगति बढ़िया पायी गयी.
इस बैठक में हाई पावर कमिटी की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार, पथ निर्माण के प्रधान सचिव सुनील कुमार, कृषि सचिव अबू वक्कर सिद्धीकी, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन एवं नाबार्ड के उच्च अधिकारी उपस्थित थे.