गौरव पाल/न्यूज 11 भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: आज मकर के पहले दिन रविवार को अगहन संक्रांति के अवसर पर बरसोल के विभिन्न स्थानों में छोटा मकर या छोटा टुसू पर्व मनाया जा रहा है. खासकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे क्षेत्र में छोटा मकर धूमधाम के साथ मनाया जाता है.बातांते चलें कि छोटा मकर कृषि से जुड़ा पर्व है. इस दिन किसान धान कटनी खत्म कर खेतों से धान उठाव समाप्त करते हैं. छोटा मकर के दिन नए चावल से पीठा के साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाया जाता है. इस अवसर पर मांस पीठा विशेष रूप से बनाया जाता है. अगहन संक्रांति के दिन किसान अपने खेतों से धान उठाने का काम समाप्त करते हैं. इस दिन पूजा-अर्चना के साथ धान का अंतिम बीड़ा को खलियान में प्रवेश कराया जाता है.
इस दिन खेत और खलियान में किसी प्रकार का अन्य काम नहीं होता है. छोटा मकर के दिन परंपरा के अनुसार नए चावल के आटे का पीठा बनाया जाता है. सदियों से चली आ रही परंपरा के तहत इस दिन प्रत्येक आदिवासी मूलवासी परिवार में पीठा बनता है. पीठा खाने के पहले परंपरानुसार पूर्वजों को समर्पित किया जाता है. अगहन संक्राति के दिन यानी छोटा मकर को विभिन्न गांव में मुर्गा पाड़ा लगाया जाता है. जिसको बाउरी पाड़ा के रूप में जाना जाता है. कई गांवों में पारंपरिक रीति-रिवाज के मुताबिक महिला और पुरूष के लिए प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है. छोटा मकर के साथ ही बहरागोड़ा व बरसोल में टुसू पर्व की तैयारी शुरू हो जाएगा. इस दौरा टुसू के गीत गाए जाएंगे, टुसू प्रतिमा के साथ चौड़ल का निर्माण किया जाएगा.