प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्क: आज पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा हैं. ईसाई समुदाय के साथ-साथ गैर-ईसाई समुदाय के लोग भी इस दिन एक-दूसरे को उपहार देते है और खुशियों का आदान-प्रदान करते हैं. क्रिसमस को यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और इस दिन चर्च में प्रार्थना करने की परंपरा हैं. आइए जानते है कि इस दिन प्रार्थना का क्या महत्व हैं.
क्रिसमस पर प्रार्थना क्यों की जाती है?
क्रिसमस के मौके पर प्रार्थना का खास महत्व हैं. यह दिन यीशु मसीह के जन्म का दिन है और लोग उनके जन्मदिन पर उनकी शिक्षाओं का पालन करने और जीवन में शांति और प्रेम फैलाने के लिए प्रार्थना करते हैं. प्रार्थना से आध्यात्मिक शांति और संतुलन मिलता है, जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाता हैं.
यीशु मसीह का शांति और प्रेम का संदेश
यीशु मसीह ने हमेशा शांति, प्रेम और क्षमा का संदेश दिया. क्रिसमस की प्रार्थना हमें उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है, जिससे हम अपने जीवन में उनके मूल्यों को अपनाकर दूसरों के साथ खुशी और समृद्धि बांट सकें. प्रार्थना करने से आत्मा शुद्ध होती है और मनुष्य अपने पापों से मुक्त होकर एक नया जीवन शुरू करने के लिए प्रेरित होता हैं.
प्रार्थना से शांति का अनुभव: फादर की बात
फादर ने बताया, "प्रार्थना से मन को शांति मिलती हैं. जब हम प्रार्थना करते है तो हम अपनी परेशानियों और इच्छाओं को भगवान के सामने रख सकते है, जिससे हमारा मन हल्का हो जाता हैं. यह आत्मचिंतन और ध्यान का एक रूप है, जो तनाव को कम कर मानसिक शांति देता हैं. नियमित प्रार्थना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और हमे नई ताकत मिलती हैं."