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रांची/डेस्क: University Grants Commission (UGC) ने देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को केंद्र सरकार की Tobacco Free Educational Institutions (TOFEI) की गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करने का रिमाइंडर जारी कर दिया हैं. UGC ने 11 सितंबर, 2024 को एक पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को यह निर्देश दिया था कि उनके कैंपस में तंबाकू और E-Cigarette सहित किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होना चाहिए.
UGC ने जताई युवाओं में बढ़ती तंबाकू की लत पर चिंता
UGC ने पत्र में यह कहा कि छात्रों के बीच तंबाकू की लत एक गंभीर मुद्दा है और शिक्षण संस्थानों का यह दायित्व है कि वह इस लत को खत्म करने की दिशा में सभी नियमों का कड़ाई से पालन करें. UGC ने Global Youth Tobacco Survey 2019 का यह मानना है कि 13 से 15 साल के बच्चों में तंबाकू का इस्तेमाल चिंताजनक स्तर तक पहुंच गया है, साथ ही इस उम्र वर्ग के करीब 8.5 प्रतिशत छात्र तंबाकू का किसी न किसी रूप में सेवन कर रहे हैं. सर्वे में यह भी पाया गया है कि हर साल 5500 से अधिक बच्चों को तंबाकू की लत लग रही है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करता हैं.
E-Cigarette के प्रचलन पर जताई चिंता
UGC ने तंबाकू उत्पादों के साथ-साथ E-Cigarette के बढ़ते इस्तेमाल पर भी चिंता व्यक्त की हैं. हाल के वर्षों में छात्रों के बीच E-Cigarette का उपयोग बढ़ रहा है, जो तंबाकू के सेवन का एक नया रूप बनकर उभर रहा हैं. UGC ने यह कहा है कि शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त परिसर के साथ-साथ छात्रों को इस लत से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बनाई थी तंबाकू मुक्त कैंपस के लिए Guidelines
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले भी तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिन्हें देशभर के सभी शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाना था. इन दिशानिर्देशों के अनुसार, तंबाकू मुक्त संस्थानों के परिसर के भीतर और उसके बाहरी क्षेत्र (100 गज तक) में तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध हैं.
क्या है तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के दिशा-निर्देश?
Tobacco Free Educational Institutions की श्रेणी में वह संस्थान आते है जो न केवल अपने परिसर के भीतर, बल्कि उसके आसपास के क्षेत्र में भी तंबाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाते हैं. इसके तहत संस्थानों को व्यापक नीतियां बनानी होती है, जिसमें छात्रों को तंबाकू उत्पादों से बचाने और जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाते हैं. UGC ने इन दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने और इसकी नियमित निगरानी की बात कही हैं.
UGC के इस कदम का उद्देश्य छात्रों को तंबाकू की लत से बचाना और एक स्वस्थ और सुरक्षित शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित करना है, जिससे छात्रों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकें.