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रांची/डेस्क: आज राज्यभर के छात्रों को CM चंपई सोरेन ने सौगात दी. बता दें, 11 मार्च (सोमवार) यानी की आज गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना और मानकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना का CM चंपई सोरेन ने उद्घाटन किया. इस संबंध में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने खेलगांव स्थित टाना भगत स्टेडियम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस आयोजित कार्यक्रम में CM चंपई सोरेन के साथ श्रम एवं उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता और कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल भी मौजूद रहे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सलेक्टेड छात्रों को क्रेडिट कार्ड (Credit Card) भी सौंपा.
15 लाख तक का मिलेगा Loan
बता दें, इस गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड (Guruji Student Credit Card) स्कीम का शुभारंभ किया की जा रहा है. इस स्कीम के अंतर्गत स्टूडेंट्स को उच्चतर शिक्षा (Higher education) के लिए बैंकों के जरिए से अधिकतम 15 लाख रुपये तक का ऋण (loan) प्रदान किया जाएगा. इसमें 30% कैश स्टूडेंट्स के रहने और बाकी खर्चो के लिए होंगे. यह लोन 4 % साधारण ब्याज की दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. बचे हुए ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. राज्य सरकार 100 % लोन की गारंटर भी होगी.
ऋण 15 वर्ष की अवधि में चुकाया जा सकता है
ऋण चुकाने की अधिकतम समय सीमा 15 साल तय की गई है. इसमें पाठ्यक्रम अवधि और उसके बाद की एक वर्ष की अवधि शामिल होगी. स्टूडेंट्स के पास कोर्स पूरा होने के एक साल बाद से ऋण चुकाने का रास्ता यानी की विकल्प होगा. लोन के लिए बैंक किसी भी प्रकार का कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं लेगी. 4 लाख रुपये तक मार्जिन मनी का कोई प्रावधान नहीं होगा. इससे ज्यादा नगद के लिए लोन का 5% मार्जिन मनी होगी.
इसी प्रकार मानकी मुंडा छात्रवृत्ति स्कीम के अंतर्गत झारखंड के सरकारी, निजी और पीपीपी मोड पर चलने वाले पॉलिटेक्निक संस्थानों में पढ़ने वाली छात्रों को प्रति वर्ष 15,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी. इसी तरह, सरकारी, निजी और पीपीपी मोड पर चलने वाले इंजीनियरिंग संस्थानों में बीई और बीटेक की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को हर साल 30,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी. जिसका फायदा लेने के लिए डिप्लोमा में नामांकित स्टूडेंट्स को झारखंड से 10वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है. ठीक इसी तरह इंजीनियरिंग में दाखिला लेने वाली छात्राओं को 10वीं और 12वीं दोनों झारखंड से उत्तीर्ण होना बेहद ही जरुरी है.