गौतम सिंह/न्यूज़11 भारत
बिरनी/डेस्क: बिरनी प्रखंड के भरकट्टा क्षेत्र में भाकपा माले के नेतृत्व में एक विशाल जन आक्रोश मार्च निकाला गया. इस प्रदर्शन का उद्देश्य पुलिस प्रशासन द्वारा बाराडीह पंचायत के जनप्रतिनिधियों पर दर्ज कथित फर्जी मुकदमों का विरोध करना और क्षेत्र में बढ़ते अपराधों के प्रति प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करना था. इस मार्च का नेतृत्व बाराडीह पंचायत के मुखिया सहदेव यादव ने किया, जबकि संचालन भाकपा माले नेता इजरेल अंसारी ने किया. प्रदर्शनकारियों ने भरकट्टा के बेसिक स्कूल से ओपी तक पैदल मार्च किया और ओपी प्रभारी के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जनप्रतिनिधियों पर लगाए गए फर्जी मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं.
मार्च में शामिल लोगों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे पूरे बिरनी प्रखंड में उग्र आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ एक शुरुआत है और जरूरत पड़ने पर जनता ओपी का घेराव करेगी. भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य सीताराम सिंह ने कहा, "यह तो सिर्फ ट्रेलर है, पूरी फिल्म अभी बाकी है. ओपी प्रभारी को अपनी कार्यशैली में सुधार करना होगा, वरना जनता मजबूर होकर उन्हें सबक सिखाएगी."उप प्रमुख शेखर सुमन ने कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से बगोदर, बिरनी और सरिया जैसे क्षेत्रों में अपराधों में भारी इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा, "जनता ने उम्मीद की थी कि भाजपा विधायक बनने से क्षेत्र में अमन-चैन कायम होगा, लेकिन इसके विपरीत चोरी, रेप और पुलिस थानों में दलाली जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं." प्रदर्शनकारियों ने भरकट्टा ओपी प्रभारी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी कार्यशैली संदिग्ध है. उन्होंने आरोप लगाया कि ओपी क्षेत्र में बढ़ती चोरी और अन्य आपराधिक घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
इस प्रदर्शन में भाकपा माले के नेता सहदेव यादव, राज्य कमेटी सदस्य सीताराम सिंह, प्रमुख रामु बैठा, उप प्रमुख शेखर सुमन, मंजूर अंसारी, रीना देवी, कामेश्वर मंडल, और छोटी सिंह सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की. प्रदर्शन के अंत में भाकपा माले के नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन सिर्फ शुरुआत है. अगर पुलिस प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए, तो वे पूरे बिरनी प्रखंड में सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे. साथ ही, उन्होंने कहा कि जनता अब अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेगी. यह मार्च पुलिस प्रशासन के लिए एक सख्त संदेश था कि जनता अपनी मांगों को लेकर गंभीर है. अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस जन आक्रोश पर क्या कदम उठाता है.