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रांची/डेस्क: विश्व विख्यात संत प्रेमानंद महाराज ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन के छटीकरा क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर रोष जताया है. उन्होंने कहा कि पावन भूमि पर पेड़ों का काटा जाना बहुत पीड़ादायक है. ब्रज के वृक्ष महान आत्मा हैं और इन्हें काटना घोर पाप है. प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में ब्रज के वृक्षों की महिमा का वर्णन किया. प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि दुनिया में सबसे भाग्यशाली व्यक्ति वह है, जिसने वृंदावन को अपना मान लिया है. "मेरा वृंदावन, सर्वस्व वृंदावन, प्राण वृंदावन, जीवन वृंदावन" की भावना मन में होनी चाहिए. लेकिन दुर्भाग्य से वृंदावन में लताओं को मारा जा रहा है. एक ब्रजवासी ने दुख जताते हुए कहा कि वृंदावन में रातों-रात सैकड़ों पेड़ काट दिए गए हैं. ये पेड़ 50 से 100 साल में बड़े होते हैं.
यह वृंदावन धाम है. पेड़ों को कहीं भी नहीं काटा जाना चाहिए, लेकिन धाम और चौरासी कोस के पेड़ महात्मा हैं. यह घोर अपराध है. प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि वृंदावन की एक लता काटने से करोड़ों ब्राह्मणों की हत्या और करोड़ों गायों की हत्या का पाप लगता है. पीपल, बरगद, नीम आदि के बड़े-बड़े पेड़ काट दिए गए हैं. इमारतों के निर्माण के लिए आधुनिक मशीनों से रातों-रात पेड़ों को काटा जाता है और वाहनों में लादकर फेंक दिया जाता है. संत ने अपने प्रवचन में कहा कि पहले गोवर्धन या चौरासी कोस की परिक्रमा करते समय पेड़ों के नीचे लेटने से सारी थकान दूर हो जाती थी, लेकिन आज कंक्रीट बिछाने से पैरों में छलनी हो जाती है. यहां सड़क नहीं, धूल महत्वपूर्ण है. आधुनिकता बढ़ती जा रही है. धाम का अस्तित्व मिटाया नहीं जा सकता, लेकिन उसे ढका जा सकता है. भगवान के प्रति भावनाएं खत्म होती जा रही हैं, जो बहुत दुखद है.
वृंदावन की लताओं के कटने से मन दुखी है. संत ने चेताया कि ब्रज की लताओं को मत छेड़ो. वृंदावन धाम की महिमा लताओं के कारण है. जब भी कोई स्थान खरीदा जाता है, तो सबसे पहले लताओं को काटा जाता है. "लता लता भवन सुख शीतल छाहा, श्री हरिवंश रहत नित जहाँ" जैसे पवित्र स्थान की लताएँ रात में काट दी गईं. मथुरा तो बच गया, लेकिन वृंदावन कट रहा है. उन्होंने कहा कि भगवान के निवास की रक्षा होनी चाहिए. लताओं को काटने वाले वृंदावन के दुश्मन हैं. आप भवन तो बना सकते हैं, लेकिन लताओं को 50-100 साल से ज्यादा की जरूरत होती है. पूरी दुनिया और बृज मंडल में पेड़ काटे जा रहे हैं. धन से कुछ सुख तो मिलेगा, लेकिन क्या यह आपको मृत्यु से बचा सकता है? प्रिया और प्रीतम लताओं के रूप में बृज में खेल रहे हैं. अगर आप लताओं को काटेंगे, ऋषि-मुनियों की निंदा करेंगे और बृज के लोगों को पीड़ा पहुँचाएँगे, तो आपको भगवान की प्राप्ति कैसे होगी? फिर विनाश निश्चित है.