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रांचीः राज्य में साइबर अपराधियों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे है. हालांकि उनके अपराधिक इरादों को नाकाम करने की दिशा में राज्य और जिला पुलिस लगातार कार्य कर रही है. इसी बीच बड़ी खबर सामने आई है. जिसमें रांची सदर थाना की पुलिस और साइबर सेल की टीम ने लोगों से ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. जानकारी के मुताबिक ये अपराधी ऑनलाइन शोपिंग से डेटा की चोरी करके लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते थे.
कई सामानों के साथ तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार
बता दें, रांची पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. वहीं पिछले दो महीने में जिला पुलिस ने करीब डेढ़ सौ (150) लोगों से साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है. अब रांची एसएसएसपी किशोर कौशल के निर्देश पर जिला पुलिस की टीम ने राजधानी रांची के सदर थाना इलाके के बड़गांई चौक और चुटिया थाना इलाके के द्वारिकापुरी में कार्रवाई करते हुए 3 साइबर अपराधियों को धर-दबोचा है. इनके पास से पुलिस ने 12 मोबाइल फोन, 484 लिफाफे में रखे नापतोल.कॉम का फर्जी पंपलेट, 6 एटीएम कार्ड सहित कई अन्य सामान बरामद किए है. पकड़े गए इन साइबर अपराधियों में करण कुमार, चंदन कुमार और सुदामा कुमार शामिल है.
राजधानी में सक्रिय था बड़ा ग्रुप
इस मामले में जानकारी देते हुए एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि राजधानी रांची में साइबर ठगी का एक बड़ा ग्रुप सक्रिय है जो बड़े पैमाने पर साइबर ठगी जैसे अपराध को अंजाम देने वाले है. इसी सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए साइबर डीएसपी यशोधरा के अगुवाई में टीम का गठन किया गया. जिसके बाद टीम ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया.
आंध्रप्रदेश से आया था ट्रेनर, कई राज्य के लोग भी फंसे
पकड़े गए साइबर अपराधियों से पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि 2 महीने पहले आंध्रप्रदेश से आए 2 व्यक्तियों ने उन्हें साइबर ठगी से संबंधित ट्रेनिंग दी थी. ट्रेनिंग के बाद साइबर ठगियों ने करीब 150 लोगों को अपने ठगी का शिकार बनाया है. अभी भी कई राज्यों के लोग इन साइबर ठगी के संपर्क में पाए गए है. जिनसे करीब 2 लाख रुपए तक की ठगी की बात सामने आई है.
डाक सेवा के जरिए भेजते थे इनामी कूपन
पुलिस ने बताया कि ये साइबर ठगी पिछले 3 महीने से रांची में सक्रिय है और ऑनलाइन शॉपिंग से डेटा चोरी कर लोगों को ठगी का शिकार बनाया करते थे. इतना ही नहीं लोगों को ये ठगी डाक सेवा के जरिए ईनामी कूपन भी भेजा करते थे. कूपन में क्यूआर कोड स्कैनर होता था जिसे स्कैन करते ही लोगों को आकर्षक इनाम का मैसेज आता था. जिसके बाद साइबर अपराधियों के ठगी का खेल शुरू हो जाता था. वे पीड़ितों को अपने झांसे में लेकर ठगी के घटना को अंजाम देते थे. ये ठगी राजधानी रांची में बैठकर अन्य दूसरे राज्यों के लोगों को भी अपना शिकार बनाते थे.