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रांची/डेस्क: एक अनोखा मामला सामने आया जब सोमवार को एक व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार करते वक्त परिवार को मृतक से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात याद आई. जिसके चलते शव को चिता से उतारकर फिर से पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया हैं. मृतक 55 वर्षीय हरेंद्र कुमार की करंट लगने से मौत हो गई थी और अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच अचानक परिवार के एक सदस्य को बीमा क्लेम की बात याद आई.
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
यह मामला में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के दम्मामल नगर निवासी हरेंद्र कुमार की मौत घर में बिजली का काम करते समय करंट लगने से हुई थी. परिवार शोक में डूबा था और नाते-रिश्तेदार अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर इकट्ठा हो गए थे. जैसे ही चिता को मुखाग्नि देने की तैयारी हो रही थी, तभी परिवार के एक सदस्य को याद आया कि हरेंद्र का बीमा था और बीमा क्लेम के लिए पोस्टमार्टम जरूरी हैं.
बीमा क्लेम के लिए पोस्टमार्टम जरूरी
परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के बीच हुई चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि बीमा की राशि प्राप्त करने के लिए पोस्टमार्टम आवश्यक हैं. पुलिस की सहायता से शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई. इसके बाद शव को दोबारा श्मशान घाट लाया गया और फिर अंतिम संस्कार संपन्न किया गया.
करंट लगने से हुई थी मौत
घटना के अनुसार, हरेंद्र कुमार अपने घर में बिजली का काम कर रहे थे, जब अचानक करंट लगने से उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना ने परिवार और रिश्तेदारों को गहरे शोक में डाल दिया. हालांकि, बीमा क्लेम के लिए पोस्टमार्टम करवाने की जरूरत ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को कुछ देर के लिए रोक दिया था लेकिन अंततः बीमा क्लेम की शर्तों को पूरा करते हुए शव का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया.
इस घटना ने लोगों का ध्यान बीमा क्लेम की प्रक्रियाओं और उनके लिए आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं पर केंद्रित किया है, जो कभी-कभी अंतिम संस्कार की रस्मों में भी हस्तक्षेप कर सकती हैं.