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रांची/डेस्क: परिवार के साथ कोई Vacation प्लान कर रहे हों या फिर दोस्तों के साथ गोवा का ट्रिप. घूमने का नाम सुनते ही कुछ सवाल लोगों के दिमाग में सबसे पहले आते है जैसे- कब जाएंगे, कहां घूमेंगे, कहां रहेंगे.. आदि और जब बात रहने की हो तो हम Hotels खोजते हैं. जब Stay की बात करें तो दो चीज़ें समझ आती है- एक Hotel और दूसरा Motel. इनके बारे में लोगों ने सुना तो होगा, लेकिन क्या आप Hotel और Motel के बीच का अंतर जानते हैं?
दरअसल Hotel और Motel दोनों ही लोगों के ठहरने के लिए होता है, लेकिन जितना अंतर आपको इनके नामों में नजर आता है, उतना ही अंतर लोगों को इनके काम में भी आएगा.
Hotel और Motel के बीच का अंतर
- Location: होटल शहरों, पर्यटन स्थलों या बिजनेस सेंटर्स के बीच स्थित होते हैं. अगर लोगों को किसी शहर में घूमना हो, तो उनको ठहरने के लिए वहां होटल मिलेंगे, मोटल नहीं. होटल की Design और Architecture में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि ठहरे हुए यात्रियों को Comfortable और Luxury स्टे मिल सकें. जबकि वहीं मोटल शहर के बीच नहीं बल्कि हाईवे या मुख्य सड़कों पर बने होते हैं. मोटल का कॉन्सेप्ट पुराने समय की ‘सराय’ से बना है, जहां यात्रा करने वाले यात्रियों को रात में ठहरने की सुविधा मिलती थी. मोटल एक जगह है जहां लोगों को रहने के साथ-साथ उनके वाहने को भी पार्क करने की सही सुविधा मिलती हैं.
- Facility और Service: Hotel में जहां आपको कई तरह की Luxury सुविधाएं मिलती है तो वहीं Motel आपको केवल बेसिक सुविधाएं ही उपलब्ध कराता हैं. होटल में Restaurant, Pool, Spa, Gym, Business Center or Room Service जैसी सुविधाएं मिलती हैं. दूसरी ओर मोटल में साधारण सुविधाएं जैसे Basic Room, Free Parking और Breakfast की सुविधा.
- Stay Time: Hotel में अक्सर हम लंबे समय के लिए रुक सकते हैं. यहां तक की जब भी लोग कही भी घूमने जाते है तो होटल ही चुनते है, जबकि Motel में लोग अपने ट्रैवल के दौरान एक रात या दो रात के लिए ठहरते हैं.
- Budget: Hotel के कमरे में आपको काफी Luxury सुविधाएं मिलती है, शायद इसलिए लोगों का किराया काफी ज्यादा लगता है जबकि Motel लोगों को कम कीमत में मिलते हैं. इसका उद्देश्य Budget-friendly option देना हैं.