न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार 10 मार्च की सुबह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के घर पर रेड मारी. राज्यभर में कुल 14 जगहों पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने छापेमारी की. इसमें चैतन्य बघेल के ठिकाने ही शामिल है. ED की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों को लेकर की गई है.
इस रेड से रायपुर समेत पूरे राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया है. मिली जानकारी के अनुसार, छ्पेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी मिली है. इसके साथ काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले है. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस और चल-अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों को भी जब्त किया गया है.
रेड को लेकर क्या बोले भूपेश बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बेटे के खिलाफ ED की कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जब अदालत में सात वर्षों से चल रहे झूठे केस को बर्खास्त कर दिया गया था तो फिर पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज ED के मेहमानों ने आज सुबह प्रवेश क्यों किया. अगर इस इस षड्यंत्र से पंजाब में कांग्रेस को कोई रोकना चाहता है, तो यह यह गलतफहमी है.
मिली जानकारी के अनुसार ED का यह सर्च ऑपरेशन छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले से जुड़े मामले में किया गया. यह शराब घोटाला से जुदा मामला करीब 2161 करोड़ रुपए का है. आपको बता दें की इस मामले में कई पूर्व मंत्री और चर्चित अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. लेकिन जैसे-जैसे इस मामले की तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कई लोगों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.
पूर्व मंत्री कवासी लखमा हुए थे गिरफ्तार
ED ने इसी साल एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उनसे पूछताछ के आधार पर अब ED की तफ्तीश का दायरा चैतन्य बघेल तक पहुंचता दिखाई दिया. आपको बता दें कि पूछताछ के लिए लखमा को 15 जनवरी को तीसरी बार बुलाया गया था. लेकिन वह आए नहीं थे. ऐसे में ED ने उन्हें जांच में सहयोग नहीं करने के कारण रायपुर दफ्तर से ही गिरफ्तार कर लिया था.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कवासी लखमा के खिलाफ जब वो राज्य में आबकारी मंत्री थे तब गंभीर आरोप लगा था. उस दौरान उनके खिलाग करोड़ों रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगा था. इस मामले में ED ने को छत्तीसगढ़ समेत पिछले साल 28 दिसंबर को कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया था. इसके बाद उससे मिले सबूत के आधार पर 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में एपी त्रिपाठी समेत, अनिल टुटेजा समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
कवासी लखमा पर क्या लगे है आरोप
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर शराब घोटाले में करीब 72 करोड़ रुपये कमीशन एने का आरोप लगा है. आपको बता दें कि यह मामला साल 2019 का है. उस समय लाइसेंसी शराब की दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब बेचने का मामला सामने आया था. राज्य सरकार को इस कारण से करोड़ों रुपए के राजस्वा का नुक्सान हुआ था.