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रांची/डेस्कः- कुछ साल पहले ही रुबी प्रजापति नाम की एक स्टूडेंट के छोटे भाई की मौत बीमारी की वजह से हो गई थी, मां को लग रहा था कि अगर उसके बेटे को अच्छा इलाज मिल पाता तो शायद वो बच सकता था. गरीब परिवार के होने के चलते उसे बेहतर इलाज नहीं मिल पाया था. उसी दौरान रुबी की मां ने बिटिया को डॉक्टर बनाने की कस्में खा ली थी. बता दें कि दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली रुबी के पिता ऑटो चालक हैं. एक गरीब परिवार से आने वाली रुबी न सिर्फ अपने माता पिता के सपनों को पुरा किया बल्कि ये भी दिखा दिया की सपनों के पीछे पीछे लगे रहने से सफलता एक बार जरुर हाथ लगती है. सामने लाख मुश्किलें हो पर हौसला हो तो मंजिल पुरा किया जा सकता है.
पिता के दोस्त ने उठाया था NEET कोचिंग का खर्च
कहा जाता है कि रुबी की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी, उसने शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूलों में की थी, बाद में जब नीट के लिए कोचिंग की बात आई तो पिता के पास पैसे नहीं थे फिर उसके दोस्त ने एक साल की खर्च को उठाया था. फिर बेटी नीट की परीक्षा पास कर सबसे बड़े अस्पतालों में से एक दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल मे एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है.
खुद थी बीमार और छोटे भाई की हो चुकी थी मौत
रुबी के डॉक्टर बनने के कई वजह हैं. करीब 9 साल पहले रुबी के भाई की मौत हो गई थी. बीमार रहने के कारण उसकी मौत हो चुकी थी मां को लग रहा था कि घर में कोई डॉक्टर होता तो बेटा बच सकता था. फिर रुबी की मां ने अपनी बेटी को हौसला दिया और कहा कि तुम मन लगा कर पढ़ाई करो पुरा परिवार तुम्हें सपोर्ट करेगा, अगर तुम डॉक्टर बनो तो किसी गरीब परिवार की मदद भी जरुर करना, गांव में कोई मेडिकल सुविधा भी नहीं थी इसके लिए भी रुबी डॉक्टर बनना चाहती थी. बता दें कि रूबी प्रजापति के परिवार में माता पिता के अलावे एक बड़ा भाई भी है जो दिव्यांग है. पिता ऑटो ड्राइवर हैं. रुबी ने अब डॉक्टर बनने की भी ठान ली है. पूरा परिवार सपनों की उंचाइयों को छूने को तैयार हैं.