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रांची/डेस्क: बिहार में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर हो गई है, जिससे राज्य के 12 जिले पूरी तरह से प्रभावित हैं. करीब 12.67 लाख लोग बाढ़ के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. रविवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य के कई जिलों में भारी बारिश के बाद बाढ़ का संकट गहरा हो गया हैं. हालांकि, पटना और आसपास के इलाकों में गंगा नदी का जलस्तर घटने लगा है लेकिन अन्य हिस्सों में जलस्तर में वृद्धि हो रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक आधे से ज्यादा नदियां पिछले 100 घंटे से भी ज्यादा समय से खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
सबसे ज्यादा प्रभावित जिले
बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, और कटिहार जिलों की 361 पंचायतें बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. जिला प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए लगभग 1,400 नावों का उपयोग किया है और प्रभावित लोगों के लिए 8 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को हाजीपुर में एक राहत शिविर का दौरा किया और अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
रेल सेवाओं पर असर
भागलपुर जिले में बाढ़ का पानी रेल पटरियों तक पहुंच गया हैं. जिसके कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया हैं. पूर्व मध्य रेलवे के अनुसार, सुल्तानगंज और रतनपुर के बीच पुल संख्या 195 के गार्डर को बाढ़ का पानी छूने के बाद पटना-दुमका एक्सप्रेस, सरायगढ़ देवघर स्पेशल, जमालपुर-किउल मेमू स्पेशल और भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस जैसी कई प्रमुख ट्रेनों को रद्द कर दिया गया हैं. इसके अलावा विक्रमशिला एक्सप्रेस, हावड़ा-गया एक्सप्रेस, सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस जैसी अन्य ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया हैं.
राहत और बचाव कार्यों में तेजी
बाढ़ से प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन लगातार बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं. सरकार की ओर से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रयास जारी हैं. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (DMD) ने यह बताया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलस्तर में कमी आ रही है, जिससे राहत की संभावना बढ़ी हैं.
बिहार के प्रभावित जिलों में बाढ़ की स्थिति फिलहाल गंभीर बनी हुई है, लेकिन प्रशासनिक प्रयासों के साथ-साथ सरकार भी हर संभव मदद मुहैया करा रही हैं. बाढ़ से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा हैं.