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रांची/डेस्क: नेपाल और आसपास के क्षेत्रों में हाल ही में हुई लगातार बारिश ने बिहार की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा दिया है. इस बाढ़ ने पूरे क्षेत्र में गंभीर स्थिति पैदा कर दी है, खासकर गंगा नदी के रौद्र रूप ने पटना के दियारा इलाके में तबाही मचाई है .भारी वर्षा के कारण नदियों में पानी की मात्रा में वृद्धि हुई है, जिसके चलते कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. यह स्थिति न केवल जनजीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि इससे फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है. ऐसे में, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने 76 स्कूलों को 21 सितंबर तक बंद करने का निर्णय लिया है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि बाढ़ के कारण जनसमुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है.
इस संकट के कारण स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल बना हुआ है, क्योंकि कई लोग अपने घरों से बेघर हो चुके हैं और राहत कार्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इस समय, राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि प्रभावित परिवारों की मदद की जा सके.
स्कूलों का बंद होना और प्रशासन की कार्रवाई
पटना के जिलाधिकारी ने इस स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है. प्रभावित क्षेत्रों में अथमलगोला, बाढ़, दानापुर, बख्तियारपुर, फतुहा, मनेर, मोकामा और पटना सदर प्रखंड शामिल हैं. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है.
नालंदा और मसौढ़ी की बाढ़ स्थिति
नालंदा में जिरायन नदी भी उफान पर है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, पटना के मसौढ़ी में दरधा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. कई पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस चुका है, जिससे स्थानीय निवासियों का शहर से संपर्क टूट गया है.
हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि मानसून अब कमजोर पड़ रहा है और आज बिहार के किसी भी हिस्से में बारिश की संभावना नहीं है. इसके साथ, तापमान में वृद्धि होने से लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है.