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रांची/डेस्क: वाराणसी में गंगा की स्वच्छता और सीवरेज व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया हैं. इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव ने की, जिसमें प्रमुख रूप से अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव, वाराणसी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, वाराणसी विकास प्राधिकरण के वीसी समेत कई अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक का मुख्य उद्देश्य वाराणसी के सीवरेज नेटवर्क को सुधारना और गंगा में गिरने वाले सीवरेज को पूरी तरह से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना था.
गंगा की सफाई और सीवरेज प्रबंधन पर विशेष जोर
बैठक के दौरान गंगा में गिरने वाले सीवरेज के पानी को रोकने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए. अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने स्पष्ट रूप से कहा कि दिसंबर 2024 तक गंगा का पानी स्वच्छ होना चाहिए. उन्होंने सीवरेज लाइन बिछाने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को जल्द से जल्द इस काम को पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा है कि जिन क्षेत्रों में अभी तक सीवरेज लाइन नहीं बिछाई गई है, वहां तुरंत कार्य शुरू किया जाए और सीवरेज कनेक्शन की प्रक्रिया को तेज किया जाए.
वर्तमान में वाराणसी में 7 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) है, जिनकी कुल क्षमता 420 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) हैं. इसके बावजूद 80 से अधिक नालों में ओवरफ्लो की समस्या बनी हुई है, जिससे गंगा के प्रदूषित होने का खतरा बना रहता हैं. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इन नालों की समस्या को दिसंबर 2024 तक हल कर लिया जाए ताकि गंगा में किसी भी प्रकार का अपशिष्ट न गिरे.
महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर जोर
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होगा, जिसके दौरान लाखों श्रद्धालु वाराणसी के भी विभिन्न धार्मिक स्थलों पर आएंगे. काशी में गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए गंगा की स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता हहैं. अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दिसंबर 2024 तक गंगा और सीवरेज-ड्रेनेज व्यवस्था से संबंधित सभी खामियों को दुरुस्त कर लिया जाए.
महाकुंभ के आयोजन को देखते हुए, वाराणसी के सीवरेज सिस्टम में सुधार और जल प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए भी ठोस योजनाएं बनाई जा रही हैं. बैठक में कहा गया कि दिसंबर 2025 तक सीवरेज और ड्रेनेज सिस्टम की सभी खामियों को दूर कर लिया जाएगा ताकि महाकुंभ के दौरान आने वाले लोगों को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े.
सीवरेज कनेक्शन में देरी पर अधिकारियों को फटकार
बैठक में यह भी खुलासा हुआ कि वाराणसी में अब तक केवल 1.56 लाख घरों को ही सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जा सका है जबकि शहर की बड़ी आबादी अभी भी सीवरेज कनेक्शन से वंचित हैं. इस पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और सीवरेज कनेक्शन की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया. अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वह जल्द से जल्द सभी घरों को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ें ताकि गंगा में सीवरेज का गिरना पूरी तरह से बंद हो सकें.
स्वच्छ गंगा के लक्ष्य को पूरा करने की समयसीमा
बैठक में यह तय किया गया है कि 2024 के अंत तक वाराणसी में गंगा का पानी पूरी तरह से स्वच्छ हो जाएगा. सीवरेज से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को समय पर पूरा करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग हो और ओवरफ्लो की समस्या का समाधान किया जाए.