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रांची/डेस्क: बिहार के मधुबनी में एक निर्माणाधीन पुल का गर्डर गिर गया है. घटना मधेपुर प्रखंड के भेजा कोसी बांध चौक के निकट की है. हालांकि, इस घटना में किसी भी प्रकार के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. बताया जा रहा है कि दो दिन पहले (26 जून) ही गर्डर की ढलाई हुई थी. गर्डर के निर्माण के लिए शटरिंग बनाया गया था, जो तेज बारिश में बह गया. वहीं गर्डर गिरने की बात से यह अफवाह फैल गई कि पुल गिर गया है.
2.98 करोड़ की लागत से हो रहा था निर्माण
बता दें कि मधेपुर प्रखंड के भूतही बालन नदी में अचानक जलस्तर बढ़ गया. जिसके बाद 2.98 करोड़ की लागत से बने पुल के चार पिलर में से दो पिलर के बीच बीएम ढालने के लिए शटरिंग किया गया था. वहीं भूतही बालन नदी में जलस्तर बढ़ने से शटरिंग पानी में बह गया और गर्डर गिर गया. इस घटना के बाद जेई, एक्जीक्यूटिव और विभाग के सहायक अभियंता ने घटनास्थल का मुआयना किया है. साथ ही पुल के संवेदक को पुनः पुल के निर्माण का आदेश दिया गया है. संवेदक ने पानी सूखने पर दोबारा बीम के निर्माण को स्वीकार कर लिया है.
10 दिनों के अंदर 4 पुल ढहने से लोग हैरान
इस पुल से कुछ ही दूरी पर भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत एशिया का सबसे लंबा पुल का निर्माण चल रहा है. बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता ने बताया कि गर्डर की ढ़लाई करने के बाद नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हुई. जिससे इसमें लगे सटिरिंग पानी की तेज धारा में बह गया व गर्डर गिरने की घटना हुई है. बिहार में 10 दिनों के अंदर 4 पुल ढहने से लोग हैरान हैं. इससे पहले अररिया, सीवान, पूर्वी चंपारण और किशनगंज से पुल ढहने की बात सामने आई थी. लोग नीतीश सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार की सरकार में और कितने पुल ढहेंगे. पुल ढहने का मुख्य कारण निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार है.