झारखंड » हजारीबागPosted at: सितम्बर 01, 2024 हजारीबाग के सेवाने नदी पर बन रहे पुल के निर्माण में घोर अनियमितता, ग्रामीण कर रहे विरोध
कारीमाटी को जगदीश पुर से जोड़ता है पुल

प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:- इचाक प्रखंड क़े कारीमाटी गांव को सदर प्रखंड क़े जगदीशपुर गांव से जोड़नेवाली सडक पर स्थित सेवाने नदी पर बनाये जा रहे पुल में संवेदक द्वारा घोर अनियमितता बरती जा रही है. ग्रामीणों क़े अनुसार पुल निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. पुल निर्माण में घटिया छर्री, मिट्टी युक्त बालू, घटिया सीमेंट और बेहद कम मात्रा में पतले सरिया का उपयोग किया जा रहा है. संवेदक द्वारा पुल निर्माण क़े नाम पर किये जा रहे खाना पूर्ति से पुल क़े गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे है. सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह पुल बरकट्ठा और सदर विधानसभा को भी जोड़ेगी. तत्कालीन सदर विधायक मनीष जायसवाल, बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव और जीप अध्यक्ष उमेश कुमार मेहता क़े अथक प्रयास से विशेष प्रमंडल द्वारा 4. 09 करोड़ की लागत से उक्त स्थल पर पुल का निर्माण कराया जा रहा है. पुल का शिलान्यास 26 दिसम्बर 2023 को स्वयं सदर विधायक मनीष जायसवाल ने किया था. जिसके बाद कार्यस्थल से योजना की जानकारी से सम्बंधित शिलापट्ट को गायब कर दिया गया. और घटिया निर्माण का खेल चलने लगा. मामले को लेकर जेबीकेएसएस क़े क्रन्तिकारी नेता गौतम कुमार क़े नेतृत्व में रविवार को दर्जनों ग्रामीणों ने पुल निर्माण कार्य को बंद कराते हुए धरना पर बैठ गए. गौतम कुमार ने कहा कि पुल और गार्डवाल निर्माण में संवेदक द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है. पुल निर्माण में गुणवत्ता को ताक पर रखकर संवेदक द्वारा पैसे को पचाया जा रहा है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मुखिया प्रतिनिधि चन्दन कुमार मेहता ने कहा कि ग्रामीण जब इसका विरोध करते हैँ तो ठेकेदार द्वारा धमकी मिलता है. आंदोलन में ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि पुल निर्माण में गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बताते चलें कि कारीमाटी- डंडई पथ में भी वर्ष 2006 में 3 करोड़ की लागत से पुल निर्माण किया गया था. जो निर्माण क़े कुछ ही वर्षों बाद भरष्टाचार क़े भेंट चढ़ गया. और पुल क़े तीन पाये अपने स्थान से खिसक गए. खतरा को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पुल से आवागमन को रोक दिया गया था. और लगभग एक वर्ष बाद मरम्मत कर पुल को अवगमन क़े लिए खोल दिया गया था. मौक़े पर सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे.