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रांची/डेस्क: राज्य में बम निरोधक दस्ते के 58 अफसरों और जवानों के 60 लाख रुपये के बीमा को लेकर पुलिस मुख्यालय फिर एक्टिव हो गया है. बता दें, लोकसभा चुनाव के कारण यह मामला अटका हुआ था. बुधवार (5 जून) को आचार संहिता खत्म होते ही पुलिस मुख्यालय ने I.P.R.D. निदेशक को पत्र लिखकर बीमा कंपनियों से टेंडर आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन जारी करने का अनुरोध किया.
किस स्थिति में कितना बीमा लाभ मिलेगा ?
1. मृत्यु होने पर 100 प्रतिशत, स्थायी विकलांगता होने पर 100 प्रतिशत, दो अंग जैसे दोनों आंख या एक आंख और दूसरा अंग खराब होने पर 100 प्रतिशत बीमा राशि मिलेगी.
2. एक अंग या एक आंख खराब होने पर 50 प्रतिशत राशि मिलेगी. स्थायी हल्की विकलांगता होने पर आईआरडीए के मानदंडों के मुताबिक राशि मिलेगी.
3. घायल होने पर निजी या सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पर अधिकतम 20 लाख रुपये, पुलिसकर्मी की मृत्यु होने पर दो बच्चों की शिक्षा के लिए प्रति बच्चा पांच लाख रुपये, बम डिफ्यूज करते समय मृत्यु होने पर शव ले जाने के लिए 50 हजार रुपये तक का लाभ मिलेगा.
4. वहीं, बम डिफ्यूज करने जाते समय सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर 20 लाख रुपये और घायल होने पर इलाज के लिए 7.50 लाख रुपये मिलेंगे.
अब 5 जुलाई से प्रभावी होगा बीमा
बता दें, पहले यह बीमा 4 अप्रैल 2024 से प्रभावी होना था. लेकिन अब यह 5 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा. इसके लिए पुलिस मुख्यालय हर सदस्य के लिए सेवा कर (सर्विस टैक्स) समेत 2950 रुपए का एकमुश्त वार्षिक प्रीमियम देगा. बीमा नक्सल विरोधी अभियान से भिन्न है. पुलिस मुख्यालय ने बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) के लिए प्लान बनाई थी.
मुख्यालय का तर्क है कि नक्सल अभियान के अलावा अचानक बम डिटेक्शन, आईईडी डिटेक्शन, औचक निरीक्षण या प्रशिक्षण के दौरान बम स्क्वॉड को कोई क्षति होती है तो उसे इस बीमा का फायदा मिलेगा. समझौते के अनुसार बम डिस्पोजल ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी-पदाधिकारियों के घायल होने, दिव्यांग होने या बलिदान होने की स्थिति में संबंधित जिला के पुलिस अधीक्षक समझौते में उल्लेखित निर्देशों के आलोक में चिकित्सा, दिव्यांगता या मृत्यु बीमा के लिए दावा करेंगे.