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रांची/डेस्क: एक छोटे से टॉयलेट ब्रेक ने सियोल की मेट्रो सिस्टम को हिलाकर रख दिया. दक्षिण कोरिया की राजधानी में एक ट्रेन कंडक्टर के 4 मिनट के टॉयलेट ब्रेक ने करीब 125 ट्रेनों को लेट कर दिया, जिससे हजारों यात्री समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके.
मेट्रो ऑपरेटर के मुताबिक, ट्रेन कंडक्टर के 4 मिनट 16 सेकंड के ब्रेक ने पूरे मेट्रो नेटवर्क में श्रृंखला प्रतिक्रिया शुरू कर दी. जैसे ही उसकी ट्रेन रुकी, उसी ट्रैक पर चल रही बाकी ट्रेनों को भी रुकना पड़ा, जिसके कारण यात्रा में 20 मिनट तक की देरी हो गई.
टॉयलेट ब्रेक ने तोड़ा बैलेंस
सियोल मेट्रो के अधिकारियों ने यह बताया है कि कंडक्टर को स्टेशन पर स्थित टॉयलेट तक पहुंचने में समय लग गया क्योंकि यह टॉयलेट प्लेटफॉर्म से दूसरे फ्लोर पर था और उसे पूरी दूरी तय करनी पड़ी. ट्रेन ऑपरेटर अक्सर 2-3 घंटे तक बिना ब्रेक के काम करते है और इमरजेंसी टॉयलेट के बावजूद कई बार उन्हें दूर स्थित टॉयलेट्स का इस्तेमाल करना पड़ता हैं.
सोशल मीडिया पर तूल पकड़ती घटना
यह खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई. कई यूजर्स ने एशियाई देशों में कामकाजी कर्मचारियों, खासकर ट्रेन ऑपरेटरों पर अत्यधिक दबाव का मुद्दा उठाया. लोगों ने यह चिंता जताई कि कर्मचारियों को उचित आराम और सुविधाएं नहीं मिल पाती, जिससे ऐसी घटनाएं घटित होती हैं.
हालांकि सियोल मेट्रो ने बयान जारी कर कहा कि यात्रियों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई और अधिकांश यात्री थोड़ी सी देरी से अपने गंतव्य तक पहुंचे. फिर भी यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या ट्रेन ऑपरेटरों के लिए पर्याप्त सुविधाएं और आराम सुनिश्चित किया जा रहा हैं?