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रांची/डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि गांधी, मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार के राज में जम्मू-कश्मीर 35 साल तक आतंक की आग में जलता रहा. आज अखनूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने जोर देकर कहा कि ये तीनों परिवार चाहे जितनी कोशिश कर लें, केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद वापस नहीं लाया जा सकता.
तीन परिवारों के राज में जम्मू-कश्मीर 35 साल तक जलता रहा
उन्होंने कहा, "गांधी परिवार, मुफ्ती परिवार और अब्दुल्ला परिवार इन तीन परिवारों के राज में जम्मू-कश्मीर 35 साल तक आतंक की आग में जलता रहा. कश्मीर में 3 हजार दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा, 40 हजार लोग मारे गए और सेना के कई जवान मारे गए... प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को जमीन में दफना दिया है. आज मैं इन तीनों परिवारों से कहना चाहता हूं कि आप चाहे जितनी कोशिश कर लें, आपकी तीसरी पीढ़ी भी आतंकवाद वापस नहीं ला सकती." शाह ने कहा, "एनसी ने एक एजेंडा जारी किया है जिसका समर्थन राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी कर रही है. क्या आप इससे सहमत हैं? एनसी ने कहा है कि वे तिरंगे की जगह अलग झंडा लाएंगे, वे अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे और वे पाकिस्तान के साथ बातचीत करेंगे. क्या आप इन बयानों से सहमत हैं?"
राहुल गांधी पर साधा निशाना
गृह मंत्री ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री राहुल गांधी और फारूक अब्दुल्ला के विजन का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा, "उन्हें इस बात पर शर्म आनी चाहिए कि पाकिस्तान की रक्षा के लिए जिम्मेदार व्यक्ति उनके एजेंडे का समर्थन कर रहा है." उन्होंने कांग्रेस को "दलित विरोधी" करार दिया. "राहुल गांधी और कांग्रेस दलित विरोधी हैं. उन्होंने वर्षों तक अंबेडकर जी को भारत रत्न नहीं दिया और उनका सम्मान नहीं किया. लेकिन भाजपा ने अंबेडकर जी से जुड़े पांच स्थानों को 'पंचतीर्थ' के रूप में स्थापित करके उस महापुरुष का सम्मान किया. अगर आप कांग्रेस या एनसी को वापस लाते हैं, तो आप जम्मू-कश्मीर में आतंक का राज वापस लाएंगे. कांग्रेस ने हमेशा भ्रष्ट लोगों का समर्थन किया है. अखनूर से उनके उम्मीदवार पर भी सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं," शाह ने कहा.
कश्मीर के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना बलिदान दिया था
अमित शाह ने यह भी उल्लेख किया कि उनकी सरकार न केवल नौकरियों में बल्कि पदोन्नति में भी पहाड़ी, गुज्जर और बकरवाल समुदायों को आरक्षण देगी. "आपका एक वोट हमेशा जम्मू-कश्मीर के युवाओं का मनोबल बढ़ाएगा. आपका एक वोट महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगा. आपका एक वोट यह सुनिश्चित करना है कि एससी, एसटी, ओबीसी और पहाड़ी गुज्जर भाइयों के लिए आरक्षण हमेशा जारी रहे. आपका एक वोट पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने के लिए है," उन्होंने कहा. उन्होंने कहा, "यह चुनाव सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है. आजादी के बाद से यहां दो झंडे और दो संविधान थे, जिन्हें खत्म करने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना बलिदान दिया था. 5 अगस्त 2019 को मोदी जी ने अनुच्छेद 370 को हटा दिया और जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया. उसके बाद यहां यह पहला चुनाव हो रहा है."