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रांची: झारखंड में छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी), गैर मजरुआ आम और खास जमीन, वन भूमि और जंगल-झाड़ी की जमीन के अवैध हस्तांतरण पर रोक लगाने के लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. निबंधन विभाग की महानिरीक्षक विप्रा भाल ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि सरकार इस तरह की जमीन के अवैध हस्तांतरण की अब जांच करायेगी. जांच की प्रक्रिया निबंधन पदाधिकारियों से कराया जायेगा, जो सेवानिवृत हो चुके हैं.
निबंधन महानिरीक्षक ने कहा है कि सभी निबंधन पदाधिकारी के कार्यालय में एक चेक लिस्ट बनाया जायेगा. जमीन की रजिस्ट्री के पूर्व निबंधन कार्यालय की तरफ से दस्तावेजों की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है. दस्तावेजों की जांच लिपिक, निबंधन पदाधिकारी और अन्य करेंगे. निबंधन विभाग की तरफ से कहा गया है कि पूर्व में भी यह काम निबंधन कार्यालय को दिया गया था, पर इसकी लगातार अनदेखी की शिकायत मिल रही थी. अब निबंधन कार्यालय के लिपिक और अन्य को चेक लिस्ट से संबंधित सभी जानकारियों देखनी होंगी. सीएनटी, वन भूमि, सरकारी जमीन के हस्तांतरित होने पर भूमि की पहचान निबंधन करानेवाले को कराना होगा. इसके अलावा खतियान की सत्यापित कापी प्रस्तुत करनी होगी. खतियान उपलब्ध न होने की स्थिति में अंचल अधिकारियों के द्वारा प्रमाणित पंजी-2 अथव भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा शुद्धि पत्र दस्तावेज के साथ संलग्न किया जायेगा. यह भी आदेश दिया जा चुका है कि निबंधन के क्रम में निबंधन पदाधिकारी हेतु प्रस्तुत दस्तावेज के साथ संलग्न भू-अभिलेख का ऑनलाइन सत्यापन भी करेंगे. उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन सुदृढतापूर्वक करने हेतु यह आवश्यक है कि समस्त निबंधन पदाधिकारी के कार्यालय में एक चेक लिस्ट तैयार किया जाये. दस्तावेज निबंधन के पूर्व कार्यालय के दस्तावेज जांच लिपिक और निबंधन पदाधिकारी के द्वारा चेक मार्क किया जाये. आदेश में कहा गया कि भूमि की पहचान के क्रम में निबंधन पदाधिकारी पक्षकार के स्वत्व की जांच नहीं करेंगे. सभी जिला अवर निबंधक और अवर निबंधक को आवश्यक दिशा-निर्देश भी देंगे. सभी मामलों की जांच कर संबंधित चेक लिस्ट को टिक करें तथा इसे दस्तावेज के साथ विभागीय पोर्टल में अपलोड करेंगे.
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अब इन दस्तावेजों की जांच है जरूरी
अगर सीओ द्वार जारी प्रमाण पत्र अप्राप्त है, तो अंचल अधिकारी के कार्यालय में दिये गये आवेदन की प्राप्ति रसीद होगा जरूरी
भूमि से संबंधित हाल सर्वे का नक्शा या स्व प्रमाणित नक्शा देना किया गया जरूरी
पंजी-2 का वॉल्यूम और पृष्ठ संख्या भी निबंधन के लिए जरूरी किया गया है
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान इसके बाद होगा.
आधार और पैन सत्यापन तथा शहरी क्षेत्र होने पर होल्डिंग संख्या होना जरूरी
इन तमाम दस्तावेजो के आघाह पर ही निबंधन हो सकता है
खतियान की सत्यापित प्रति नहीं होने पर अंचल कार्यालय से ई-मेल के माध्यम से प्राप्त सीओ द्वारा प्रमाणित पंजी-2 या भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या शुद्धि पत्र होना चाहिए.
शहरी क्षेत्र में होल्डिंग संख्या होना किया गया है अनिवार्य